New Delhi News: इजरायल और ईरान के बीच 13 जून 2025 से शुरू हुई जंग के 8वें दिन, 20 जून को कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राहत भरा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इजरायल-ईरान तनाव के बावजूद तेल की कोई कमी नहीं है और वैश्विक ऊर्जा की कीमतें पूरी तरह नियंत्रण में हैं।
पुरी ने एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, “13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमलों के बाद तेल कीमतों में उछाल की आशंका थी, लेकिन स्थिति चिंताजनक नहीं है।” उन्होंने बताया कि कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ महीनों से 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास स्थिर हैं, जो 100 डॉलर प्रति बैरल के अनुमान से काफी कम है।
तेल कीमतों में तेजी
गुरुवार, 19 जून 2025 को वैश्विक बाजार में मजबूत मांग और सटोरियों की सक्रियता के कारण कच्चे तेल की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया। न्यूयॉर्क में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 0.27% बढ़कर 75.34 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.29% चढ़कर 76.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जुलाई डिलीवरी वाले कच्चे तेल का भाव 63 रुपये (0.99%) बढ़कर 6,397 रुपये प्रति बैरल हो गया, जिसमें 8,943 लॉट का कारोबार हुआ।
हॉर्मुज की खाड़ी पर खतरा
ईरान, जो दुनिया का नौवां सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है, रोजाना 3.3 मिलियन बैरल तेल उत्पादन करता है, जिसमें से 2 मिलियन बैरल क्रूड और रिफाइंड तेल निर्यात करता है। हॉर्मुज की खाड़ी, जहां से वैश्विक तेल आपूर्ति का 20% हिस्सा गुजरता है, इस जंग के केंद्र में है।
ईरान द्वारा इस जलमार्ग को बंद करने की धमकी पर पुरी ने कहा, “यह कदम भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए नुकसानदेह होगा।” भारत अपनी 85% से अधिक तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, और हॉर्मुज जलडमरूमध्य इसका प्रमुख मार्ग है।
भारत की तैयारियां
पुरी ने आश्वासन दिया कि भारत ने तेल आपूर्ति में किसी भी व्यवधान से निपटने की तैयारी कर ली है। सरकार ने रणनीतिक तेल भंडार (SPR) को मजबूत किया है और तेल आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा कि OPEC+ देशों द्वारा तेल आपूर्ति बढ़ाने का फैसला भी बाजार को स्थिर रखने में मदद करेगा।