Homeबिहारआजादी के बाद से ही शुरू हो चुकी थी बिहार की बीमारी,...

आजादी के बाद से ही शुरू हो चुकी थी बिहार की बीमारी, रास के सभापति हरिवंश ने…

Published on

spot_img

Deputy Chairman Harivansh said about Bihar: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश (Harivansh ) ने कहा कि बिहार की बीमारी की शुरुआत आजादी के बाद से शुरू हो चुकी थी। 70-80 के दशक में वहां जाति के आधार पर सांसद, विधायक और सरकारें बनने लगीं।

80 के दशक में देश-दुनिया के अर्थशास्त्रियों ने बिहार को बीमारू राज्य कहना शुरू कर दिया। वर्ष 1957 में बेगूसराय से बूथ कैप्चरिंग की शुरूआत हो गई।

हरिवंश रांची के Audrey House में रविवार को BJP नेता मृत्युंजय शर्मा की लिखी किताब ब्रोकन प्रॉमिसेस का विमोचन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

हरिवंश ने कहा कि उदारीकरण के बाद देश के कई राज्यों ने तकदीर बदली लेकिन बिहार न बदल सका। अब धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में विजनलेस लोगों को लाने पर यही हाल होगा। इसलिए जनता उन्हें ही चुने जिसके पास विजन हो।

Image

साथ ही कहा कि वर्ष 1990 से 2005 तक बिहार के पतन का दौर था। यह वो दौर था जब बिहार में राजनीतिक पतन, जातिवाद, हिंसा, नरसंहार चरम पर था।

उस वक्त रात छोड़िये दिन के उजाले में भी कोई घर में महफूज नहीं था लेकिन किसी भी मुद्दे पर नैरेटिव तय करने वाली English Media ने बिहार के हालात को, बिहार के लोगों की पीड़ा को अंग्रेजी में बयां नहीं किया।

हरिवंश ने किताब में बिहार के हालात को अंग्रेजी में बयां करने के लिए मृत्युंजय को बधाई दी। साथ ही कहा कि 90 के दशक के नरसंहारों को उन्होंने देखा है। उस वक्त दिन के उजाले में गांवों के घर बंद होते थे। औरतों की पीड़ा आप बयां नहीं कर सकते। हालत इतनी बुरी हो चुकी थी कि लोग घर छोड़कर पलायन कर रहे थे।

बिहार में 90 के दशक में बिगड़ी कानून-व्यवस्था के कारण हजारों लोगों ने किया पलायन : बाबूलाल

BJP के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड से बिहार अलग होने के पीछे राजनीतिक कारण है। संयुक्त बिहार में झारखंड खनिज और उद्योगों से भरा हुआ था लेकिन राजनीति में दक्षिण बिहार (झारखंड) के लोगों का प्रतिनिधित्व कम था।

बिहार की राजनीति उत्तर बिहार में ही घूमती रहती थी। दक्षिण बिहार की खनिजों का दोहन होता था लेकिन विकास नहीं हो रहा था। ऐसे में अलग झारखंड राज्य की मांग तेज हुई। आंदोलन शुरू हुए और अलग राज्य बना।

बाबूलाल ने कहा कि किसी भी राज्य के विकास के लिए जरूरी है कि वहां कानून-व्यवस्था मजबूत हो। अमन-चैन होगा तभी निवेश होगा और प्रदेश संपन्न होगा लेकिन बिहार में 90 के दशक में बिगड़ी कानून-व्यवस्था के कारण संपन्न लोग अपना घर-बार छोड़कर पलायन कर गये।

बिहार के लोग धीरे-धीरे हो रहे जागरूक : अशोक भगत

Image

पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि वे भी जेपी मूवमेंट के सिपाही रहे हैं। 90 के दशक में बिहार के हालात के गवाह रहे हैं। Broken Promises को उन्होंने बिहार के शोषण और पीड़ा की डायरी बताया।

उन्होंने कहा कि बिहार राजनीति, अपराध, वामपंथ समेत कई चीजों के प्रयोग की धरती रही है। उस दौर में जनता जागरूक नहीं हुआ करती थी।

उन्हें राजनीति, राजनेताओं और देश-दुनिया से सरोकार नहीं रहता था। अब धीरे-धीरे परिवर्तन आया है। लोग जागरूक हो रहे हैं। अब तो स्थिति ये है कि किशोर और युवा पांच-पांच हजार रुपये में बूथ मैनेज करने के लिए तैयार हैं।

Broken Promises के लेखक मृत्युंजय शर्मा ने कहा कि 90 के दशक में कश्मीर की हालत को लेकर उन्होंने कई किताबें पढ़ीं लेकिन बिहार के हालात पर एक भी किताब उन्हें नहीं मिली, तब जाकर उन्होंने यह किताब लिखी।

spot_img

Latest articles

दिल्ली ब्लास्ट के बाद रांची में हाई अलर्ट

Ranchi News: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट के बाद...

झारखंड में 13 नवंबर तक शीतलहर का येलो अलर्ट जारी

Jharkhand Weather Alert!: झारखंड के उत्तर-पश्चिमी जिलों में शीतलहर दस्तक दे चुकी है। मौसम...

CM हेमंत सोरेन ने ‘रन फॉर झारखंड’ को दिखाई हरी झंडी

Jharkhand 25th Foundation Day: झारखंड के 25वें स्थापना दिवस का जश्न शुरू! मंगलवार को...

2 लाख की ब्राउन शुगर के साथ 2 तस्कर धराए, बाइक-नकदी जब्त

Palamu News: पलामू जिले की पुलिस ने मंगलवार को नशीली ब्राउन शुगर के साथ...

खबरें और भी हैं...

दिल्ली ब्लास्ट के बाद रांची में हाई अलर्ट

Ranchi News: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट के बाद...

झारखंड में 13 नवंबर तक शीतलहर का येलो अलर्ट जारी

Jharkhand Weather Alert!: झारखंड के उत्तर-पश्चिमी जिलों में शीतलहर दस्तक दे चुकी है। मौसम...

CM हेमंत सोरेन ने ‘रन फॉर झारखंड’ को दिखाई हरी झंडी

Jharkhand 25th Foundation Day: झारखंड के 25वें स्थापना दिवस का जश्न शुरू! मंगलवार को...