ED RAID JHARKHAND: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को तड़के सुबह झारखंड और बिहार में 15 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई बोकारो के मौजा टेटुलिया में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि के कथित फर्जी अधिग्रहण और अवैध बिक्री से जुड़े घोटाले की जांच के तहत की गई।
रांची के लालपुर, कांके, और हटिया जैसे प्रमुख इलाकों में एक कंसट्रक्शन कंपनी के दफ्तरों और उससे जुड़े लोगों के आवासों को निशाना बनाया गया।
ED की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है, और सूत्रों के अनुसार, भारी मात्रा में नकदी और दस्तावेज बरामद होने की संभावना है।
बिल्डर के आवास पर भी पहुंची ED
ED की टीमें सुबह करीब 5 बजे रांची के लालपुर में हरीओम टावर के पास एक कंसट्रक्शन कंपनी के दफ्तर, कांके में पंचवटी रेजिडेंसी के एक फ्लैट, और हटिया में एक प्रमुख बिल्डर के आवास पर पहुंची।
इसके अलावा, बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर में भी कंपनी से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली गई। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी में चल रही इस कार्रवाई में कंपनी के मालिकों, कर्मचारियों, और कुछ रियल एस्टेट ब्रोकर्स से पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, यह कंसट्रक्शन कंपनी वन भूमि घोटाले में अवैध रूप से खरीदी गई जमीन पर प्रोजेक्ट्स विकसित करने में शामिल थी।
वन भूमि घोटाला क्या है?
बोकारो के मौजा टेटुलिया में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अधिग्रहित और बेचे जाने का मामला सामने आया है। इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों, रियल एस्टेट डीलरों, और कंसट्रक्शन कंपनियों का एक बड़ा नेटवर्क शामिल बताया जा रहा है। ED को शक है कि इस अवैध लेनदेन से उत्पन्न धन को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए विभिन्न संपत्तियों और प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया। जांच में कुछ सरकारी अधिकारियों और भूमि माफियाओं की भूमिका भी सामने आई है, जिन्होंने फर्जी रजिस्ट्री और दस्तावेज तैयार किए।
पहले भी कई बड़े घोटालों में हो चुकी है कार्रवाई
2023 में भूमि घोटाला
झारखंड में ED की यह कोई पहली छापेमारी नहीं है। ED ने रांची के बिरसा मुंडा जेल में छापेमारी की थी, जब 2011 बैच के IAS अधिकारी छवि रंजन सहित 14-15 लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह मामला रांची में सेना की 4.55 एकड़ जमीन की फर्जी बिक्री से जुड़ा था।
2024 में शराब घोटाला
रांची और रायपुर में 15 ठिकानों पर छापेमारी हुई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व सचिव विनय कुमार चौबे शामिल थे।
2024 में आयुष्मान भारत घोटाला
रांची के लालपुर, बरियातू, और अन्य क्षेत्रों में 21 ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निजी सचिव ओम प्रकाश सिंह शामिल थे।
कंसट्रक्शन कंपनी का रोल
हालांकि ED ने कंपनी का नाम आधिकारिक तौर पर उजागर नहीं किया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह कंपनी रांची और बोकारो में बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में सक्रिय है।
कंपनी पर आरोप है कि उसने वन भूमि को गैरकानूनी तरीके से हासिल कर उस पर फ्लैट्स और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स विकसित किए। जांच में कंपनी के बैंक खातों, संपत्तियों, और विदेशी लेनदेन की भी जांच की जा रही है।