झारखंड

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो खुद से लेने लगे सांस, लंग्स ट्रांसप्लांट सफल, हटाया गया एकमो सपोर्ट

रांची: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो लंग्स ट्रांसप्लांट किए जाने के बाद अब खुद से सांस लेने लगे हैं। एमजीएम हेल्थकेयर, चेन्नई के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ अपार जिंदल ने बताया कि बीती रात लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद उनका एकमो (एक्स्ट्रा कॉरपोरल मेंब्रेन ऑक्सीजनेशन) सपोर्ट हटा दिया गया है।

महज 30 प्रतिशत वेंटिलेटर सपोर्ट दिया जा रहा है। बता दें कि जगरनाथ महतो पिछले 22 दिनों से एकमो सपोर्ट पर थे। यानी एक कृत्रिम फेफड़े के माध्यम से उन्हें सांस दी जा रही थी। एमजीएम हेल्थ केयर, चेन्नई में मंगलवार दोपहर 2:30 बजे उनके खराब लंग्स को हटाकर दूसरा लंग्स (ब्रेनडेट मरीज से मिले) प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो रात 10 बजे पूरी कर ली गई।

कोरोना संक्रमण के कारण खराब हो चुके उनके लंग्स के दोनों भाग (बाईलेटरल) को हटाकर नया लंग्स सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिया गया।

दो-तीन हफ्ते में होंगे नॉर्मल

शिक्षा मंत्री अगले महीने चेन्नई से घर लौट सकते हैं। डॉ जिंदल ने बताया कि दो से तीन सप्ताह में वह पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे। उसके बाद वह आपसबों के बीच होंगे।

देश के छठे मरीज का लंग्स बदला गया

डॉ जिंदल ने बताया कि जगरनाथ महतो देश के छठे व्यक्ति हैं, जिनका लंग्स ट्रांस्प्लांट किया गया है। इससे पहले पांच लंग्स ट्रांसप्लांट देश में हुए हैं। सभी एमजीएम हेल्थकेयर, चेन्नई में ही किए गए हैं। यही नहीं, पिछले 27 अगस्त को दिल्ली के एक कोविड मरीज का भी लंग्स ट्रांसप्लांट एमजीएम में किया गया। यह देश का पहला मामला था, जिसमें कोविड मरीज का लंग्स ट्रांस्प्लांट किया गया।

20 अक्टूबर को गए थे चेन्नई

शिक्षा मंत्री 26 सितंबर को कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद, रिम्स में एडमिट हुए थे। चार दिन बाद उन्हें मेडिका ले जाया गया।

लेकिन वहां भी स्थिति नहीं सुधरने के बाद 19 अक्टूबर को डॉ अपार जिंदल अपनी टीम के साथ रांची आए और उन्हें एकमो सपोर्ट पर रखा गया। जिसके बाद लंग्स ट्रांस्प्लांट के लिए 20 अक्तूबर को उन्हें एयर एंबुलेंस से एमजीएम हेल्थकेयर, चेन्नई ले जाया गया।

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