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हेमंत सोरेन खनन मामले में निर्वाचन आयोग ने सुनवायी पूरी की, राज्यपाल को जल्द भेज सकता है राय

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नई दिल्ली: हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से जुड़े खनन पट्टा मामले में सुनवाई पूरी हो गई है, जिसमें BJP ने उन पर खुद को एक खनन पट्टा (Mining Lease) आवंटित करने का आरोप लगाया है और एक MLA के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की है। यह जानकारी सूत्रों ने सोमवार को दी।

सूत्रों ने कहा कि निर्वाचन आयोग (Election Commission) अगले एक पखवाड़े में अपनी राय झारखंड के राज्यपाल को भेज सकता है।

झारखंड के CM की टीम ने चुनाव आयोग के समक्ष इस बात पर जोर दिया है कि चुनाव कानून के वे प्रावधान मामले में लागू नहीं होते जिनका उल्लंघन करने का आरोप उन पर लगाया गया है।

दोनों पक्षों ने अपनी लिखित दलीलें निर्वाचन आयोग को सौंपीं

सोरेन की कानूनी टीम ने 12 अगस्त को निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पूरी की थीं, जिसके बाद मामले में याचिकाकर्ता BJP ने जवाब दिया था। दोनों पक्षों ने 18 अगस्त को निर्वाचन आयोग (Election Commission) को अपनी लिखित दलीलें सौंपीं थीं।

सूत्रों ने बताया कि अब निर्वाचन आयोग अपनी राय लिखेगा, जो एक पखवाड़े में Jharkhand के राज्यपाल को भेजी जाएगी, जिन्होंने पहले इस मामले को निर्वाचन आयोग को भेजा था।

प्रश्न राज्यपाल को भेजा जाएगा जिसका निर्णय अंतिम होगा

संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, यदि कोई प्रश्न उठता है कि क्या किसी राज्य के विधानमंडल के सदन का कोई सदस्य किसी अयोग्यता के अधीन हो गया है, तो प्रश्न राज्यपाल (Governor) को भेजा जाएगा जिसका निर्णय अंतिम होगा।

इसके अनुसार ‘‘इस तरह के किसी भी प्रश्न पर कोई निर्णय देने से पहले, राज्यपाल निर्वाचन आयोग (Governor’s Election Commission) की राय प्राप्त करेंगे और उसकी राय के अनुसार कार्य करेंगे।’’

सोरेन के वकील ने दलीलें रखे जाने के दौरान कहा कि मामला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9A के तहत नहीं आता है, जो ‘सरकारी अनुबंधों के लिए अयोग्यता’ से संबंधित है।

BJP के वकील कुमार हर्ष ने 12 अगस्त को निर्वाचन आयोग की सुनवाई के बाद संवाददाताओं से कहा था, ‘‘उन्होंने लगभग दो घंटे तक जिरह की। जिसके बाद हमने अपना जवाब दिया और दिखाया कि यह हितों के टकराव का मामला है और उच्चतम न्यायालय (SC) के कई फैसले हैं जो इस (मामले) से संबंधित हैं।’’

मामले में याचिकाकर्ता के रूप में BJP ने दावा किया था कि सोरेन ने पद पर रहते हुए खुद को एक सरकारी अनुबंध आवंटित करके चुनाव कानून के प्रावधान का उल्लंघन किया है।

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