Fatah-1 and Fatah-II missiles: शुक्रवार रात पाकिस्तान ने भारत के एक अहम रणनीतिक लोकेशन पर Fatah-1 मिसाइल दागने की कोशिश की, जिसे सुरक्षा कारणों से गुप्त रखा गया है। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण माहौल को और गंभीर कर दिया।
हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली (S-400 और आकाश मिसाइल सिस्टम) ने इस मिसाइल को हवा में ही मार गिराया, और इसका मलबा भी बरामद कर लिया गया। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान की Fatah-1 मिसाइल को लेकर इतना हाइप क्यों है और यह भारत के लिए कितना खतरा पैदा कर सकती थी।
Fatah-1 मिसाइल: क्या है खास?
Fatah-1 एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है, जिसे पाकिस्तान ने स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है। इसकी मारक क्षमता 140-150 किलोमीटर है और यह प्रेसिजन स्ट्राइक के लिए डिज़ाइन की गई है। इसका अडवांस्ड वर्जन, Fatah-II, 400 किलोमीटर तक टारगेट को भेद सकता है। दोनों मिसाइलें कम लागत, अडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम, फ्लाइट कंट्रोल टेक्नोलॉजी और फ्लैट ट्रैजेक्ट्री से लैस हैं, जो इन्हें रडार डिटेक्शन और इंटरसेप्शन से बचाने में मदद करती हैं।
पाकिस्तानी सेना का दावा है कि ये मिसाइलें 10 मीटर के दायरे में टारगेट को हिट कर सकती हैं, जो इन्हें भारत के सैन्य ठिकानों, रडार साइट्स और लॉजिस्टिक सेंटर्स के लिए खतरा बनाती हैं।
भारत के S-400 सिस्टम पर खतरा?
पाकिस्तान का कहना है कि Fatah सीरीज, खासकर Fatah-II, को भारत के रूस निर्मित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को चुनौती देने के लिए बनाया गया है। Fatah-II की सटीकता और मोबाइल टारगेट्स को निशाना बनाने की क्षमता इसे भारत की वायु रक्षा प्रणाली के लिए खतरा बनाती है।
हालांकि, शुक्रवार रात के हमले में Fatah-1 को भारत के S-400 और आकाश सिस्टम ने आसानी से इंटरसेप्ट कर लिया, जिससे भारत की डिफेंस कैपेबिलिटी की ताकत साबित हुई।
Fatah-II का टेस्ट और पाकिस्तान का दावा
पाकिस्तानी सेना ने मई 2025 में Fatah-II का सफल परीक्षण किया था, जिसे उन्होंने अपने सबसे अडवांस्ड और खतरनाक हथियारों में से एक बताया। इस टेस्ट की जानकारी पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक बयान में साझा की गई थी, जिसे भारत के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
Fatah-II की 400 किलोमीटर रेंज और सुपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल इसे और घातक बनाते हैं।
पाकिस्तान के दावे और भारत की जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने शुक्रवार रात बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 6 मिसाइलें रावलपिंडी, पंजाब और अन्य अहम लोकेशन्स पर गिरीं। पाकिस्तानी सेना ने अपने न्यूर खान, मुरिद और रफीकी एयरबेस पर हमलों की बात कही, लेकिन नुकसान को “सीमित” बताया।
दूसरी ओर, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसने केवल आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और एयर स्ट्राइक किए, जिससे तनाव और बढ़ गया।
क्या हो सकता था नुकसान?
अगर Fatah-1 मिसाइल अपने टारगेट तक पहुंच जाती, तो यह भारत के सैन्य ठिकानों, रडार साइट्स या अन्य रणनीतिक लोकेशन्स को नुकसान पहुंचा सकती थी। इसकी सटीकता और तेज़ रिस्पॉन्स टाइम इसे खतरनाक बनाते हैं। हालांकि, भारत की मल्टीलेयर डिफेंस सिस्टम (S-400, आकाश, और बराक-8) ने इसे नाकाम कर दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी मिसाइलें भारत के बड़े शहरों या सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकती हैं, जिससे न केवल भौतिक नुकसान बल्कि दहशत भी फैल सकती थी।


