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ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा काली खांसी का इन्फेक्शन, 2793 मामले आए सामने

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Whooping Cough Infection: काली खांसी यानी पर्टुसिस (Pertussis) का Infection ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा है। अब तक इसके 2,793 मामले सामने आ चुके है।

इस बीमारी से अब तक पांच बच्‍चों की मौत होना बताया जा रहा है। एक और बच्‍चे की मृत्‍यु की मौत का पता चला है, जिसके बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।

 

बताया जाता है कि काली खांसी छोटे बच्‍चों पर बुरा प्रभाव डाल रही है। बड़े बच्चों और वयस्कों में इसके लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं।

काली खांसी (Hooping Cough) इतनी खतरनाक है, इसका अंदाजा बात से लगाया जा सकता है कि वैश्विक स्तर पर हर साल काली खांसी के अनुमानित 2 करोड़ 40 लाख मामले सामने आते हैं, जिनमें से करीब 1.6 लाख की मौत हो जाती है।

खांस-खांस कर पांच बच्चों की मौत होने की बात आ रही सामने

ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा काली खांसी का इन्फेक्शन, 2793 मामले आए सामने

Foreign NEWS Whooping cough infection is spreading rapidly in Britain, 2793 cases reported

काली खांसी Bordetella Pertussis नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। पर्टुसिस अक्सर सांस लेने की बीमारियों से जुड़े Infection से शुरू होती है, जिसमें नाक बहना और बुखार मुख्‍य लक्षण होते हैं। हूप कफ खांसी की बीमारी के एक या दो सप्ताह बाद ही हो सकता है। हालांकि यह सभी मामलों में हो ऐसा जरूरी नहीं है।

जानकारों की मानें तो काली खांसी बहुत तेजी से फैलती है। औसतन पर्टुसिस का एक मामला करीब 15-17 लोगों में Infection फैलाता है। यह Infection Covid Variant से अधिक है। काली खांसी के Infection का असर पांच सप्ताह तक रहता है।

ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा काली खांसी का इन्फेक्शन, 2793 मामले आए सामने

Foreign NEWS Whooping cough infection is spreading rapidly in Britain, 2793 cases reported

जल्‍द उपचार करना ही इसके फैलाव को कम कर सकता है। Antibiotics उपचार शुरू करने के केवल पांच दिन बाद इंफेक्‍शन को कम करने में सक्षम हैं पुष्ट और बिना लक्षण वाले दोनों मामले काली खांसी के आगे फैलने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

काली खांसी का एक अजीब पहलू यह है कि आमतौर पर कुछ सालों में इसका बड़ा प्रकोप होता है। यूके में आखिरी बड़ा प्रकोप 2016 में हुआ था, जिसमें करीब 6,000 मामले सामने आए थे। प्रारंभिक टीकाकरण के कुछ सालों बाद इसमें गिरावट आती है यही कारण है कि पूरी आबादी में लगातार उच्च टीकाकरण की जरूरत बताई जा रही है।

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