What do crossed legs say about you?: हर रोज पैर क्रॉस करके बैठना सिर्फ आराम की आदत नहीं, बल्कि आपकी बॉडी लैंग्वेज का आईना है।
काम पर, घर में या खड़े होते समय भी लोग ऐसा करते हैं। यह छोटी-सी मुद्रा आपके आत्मविश्वास, मनोदशा, रुचि और यहां तक कि फ्लर्टिंग के संकेत तक खोल सकती है। लेकिन लंबे समय तक ऐसा करना सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं, पैर क्रॉस करने के पीछे का मनोविज्ञान और फिजियोलॉजी।
लड़के vs लड़कियां
लड़कों की स्टाइल: एक टखना दूसरे घुटने पर रखकर (फिगर 4 पोज) – खुलेपन, शांत स्वभाव और कॉन्फिडेंस का संकेत।
लड़कियों की स्टाइल: घुटनों पर क्रॉस, एक पैर आगे – सौम्य, स्टाइलिश और सुरुचिपूर्ण लुक। केट मिडलटन-मेघन मार्कल जैसी रॉयल्स टखनों पर क्रॉस करके औपचारिकता दिखाती हैं।
सहजता या बेचैनी?
सहजता का मतलब: आपके सामने पैर क्रॉस करके बैठना = भरोसा और कम्फर्ट।
बेचैनी का संकेत: पैर क्रॉस + हाथ कसकर पकड़े = तनाव या समस्या।
स्कर्ट/ड्रेस में लड़कियां इसे स्टाइल और कवरेज के लिए अपनाती हैं। खड़े होने पर क्रॉस लेग्स थकान दूर करता है और मॉडल्स में लंबे पैरों का इल्यूजन देता है।
घुटना आपकी ओर मुड़ा तो समझिए इशारा!
बातचीत में अगर कोई पैर क्रॉस करके घुटना/पैर आपकी ओर करे – यह अवचेतन रुचि या फ्लर्टिंग का संकेत है। बॉडी लैंग्वेज एक्सपर्ट्स इसे “कनेक्शन का मौन मैसेज” कहते हैं।
सेहत पर खतरा, ब्लड सर्कुलेशन कम, वेरिकोज वेन्स का रिस्क
नुकसान: लंबे समय तक क्रॉस लेग्स = ब्लड फ्लो कम, ऐंठन, अस्थायी ब्लड प्रेशर बढ़ोतरी, वेरिकोज वेन्स।
सलाह: हर 30 मिनट में उठें, स्ट्रेच करें, दोनों पैर जमीन पर रखें।


