Gujarat News: PM मोदी ने सोमवार को दाहोद में 21,405 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित देश के पहले 9,000 हॉर्सपावर (HP) इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन, लोकोमोटिव निर्माण शॉप और रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप का उद्घाटन किया।
सीमेंस लिमिटेड ने कहा कि यह इंजन भारतीय रेलवे की माल ढुलाई हिस्सेदारी को 27% से बढ़ाकर 45% करने के सरकार के लक्ष्य को साकार करेगा।
सीमेंस की मेक इन इंडिया पहल, 5,800 टन ढुलाई क्षमता
सीमेंस लिमिटेड को 1,200 इलेक्ट्रिक इंजनों के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव का 26,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। नासिक, औरंगाबाद और मुंबई में सीमेंस की फैक्ट्रियां कलपुर्जे बनाएंगी, जबकि दाहोद में भारतीय रेलवे के कारखाने में असेंबली और टेस्टिंग होगी।
ये 9,000 HP इंजन 5,800 टन माल को 120 किमी/घंटा की रफ्तार से ढो सकते हैं, जो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर कंटेनर ट्रेनों की औसत गति को 20-25 किमी/घंटा से बढ़ाकर 50-60 किमी/घंटा करेगा।
पर्यावरण और रोजगार को बढ़ावा
सीमेंस के सीईओ सुनील माथुर ने कहा कि यह परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रेलवे के 100% विद्युतीकरण और हरित रेल नेटवर्क के लक्ष्य को मजबूत करेगी।
ये इंजन 800 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन कम करेंगे और 5-8 लाख ट्रकों की जगह लेंगे। दाहोद में निर्माण से क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
11 साल में डिलीवरी, 35 साल तक मेंटेनेंस
सीमेंस 11 साल में 1,200 इंजनों की डिलीवरी करेगा, जिसमें प्रोटोटाइप अगले दो साल में तैयार होंगे। 35 साल तक विशाखापट्टनम, रायपुर, खड़गपुर और पुणे में मेंटेनेंस होगा।
यह परियोजना भारतीय रेलवे की क्षमता बढ़ाने और 2030 तक 45% माल ढुलाई लक्ष्य को पूरा करने में अहम होगी।


