झारखंड

डिजिटल पेमेंट में हजारीबाग के बाजार समिति को देश में 9वां व राज्य में पहला स्थान

हजारीबाग: केंद्र सरकार की ई-नाम योजना के माध्यम से किसानों को उसकी फसल का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए प्रारंभ किए गए ऑनलाइन व्यापार से हजारीबाग के किसानों को काफी लाभ मिल रहा है।

कृषि उत्पादन बाजार समिति के ई-नाम से जुड़कर हजारीबाग के किसान बेहतर कार्य कर रहे हैं।

यही कारण है कि दिसंबर 2020 में ई-नाम से जुड़कर डिजिटल पेमेंट करवाने के मामले में हजारीबाग कृषि उत्पादन बाजार समिति ने पूरे देश में नौवां स्थान प्राप्त किया है।

इतना ही नहीं राज्य में हजारीबाग कृषि उत्पादन बाजार समिति को पहला स्थान प्राप्त है।

तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र के बाद झारखंड के हजारीबाग को बेहतर स्थान प्राप्त हुआ है।

बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि दिसंबर 2020 में ई- नाम से जुड़कर किसानों का एक करोड़ 17 लाख का ट्रेड करवाया गया, जिसमें से 80 लाख रुपये का डिजिटल भुगतान करवाया गया है।

यह देश के 1000 मंडियों में हजारीबाग कृषि उत्पादन बाजार समिति की बेहतर उपलब्धि है।

उन्होंने बताया कि किसानों को ई-नाम से जोड़कर एफपीओ के माध्यम से किए जा रहे कार्य के कारण यह उपलब्धि प्राप्त हुई है।

सचिव श्री सिंह ने यह भी कहा कि फार्मर्स प्रोड्यूसर्स आर्गनाइजेशन (एफपीओ) से ट्रेड करवाने के मामले में भी हजारीबाग बाजार समिति ने अच्छा काम किया है।

इसमें भी पूरे देश में हजारीबाग को टाप 3 में स्थान प्राप्त हो सकता है। उन्होने कहा कि दिसंबर 2020 में किसानों के टमाटर, आलू, धान, करेला आदि का ट्रेड करवाया गया।

वित्तीय वर्ष में दो करोड़ 76 लाख का ट्रेड

कृषि उत्पादन बाजार समिति के पणन सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में ई-नाम के माध्यम से 15 हजार 601 क्विंटल सामानों का ट्रेड करवाया।

राशि में कुल 2 करोड़ 76 लाख रुपये का ट्रेड किया गया है।

इसमें से एक करोड़ 87 लाख रुपये का डिजिटल भुगतान भी हो चुका है।

उन्होने कहा कि ई-नाम के माध्यम से ट्रेड करवाना काफी आसान है। किसान को कहीं जाना नहीं पड़ता है।

उसके खेत से ही कृषि उपज की खरीद हो जाती है, साथ ही भुगतान भी उसके खाते में जल्द ही पहुंच जाता है। उपज का अच्छा मूल्य भी किसानों को मिल जाता है।

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