Iran-Israel War: पश्चिम एशिया में छिड़े ईरान-इजराइल युद्ध का असर अब भारत के थोक बाजारों पर साफ दिखाई दे रहा है। सावन मास से पहले सेंधा नमक और ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 20 से 25 फीसदी का उछाल आया है। थोक व्यापारियों के अनुसार, सेंधा नमक, काजू, बादाम, पिस्ता, खजूर और केसर जैसे उत्पाद मुख्य रूप से ईरान, इराक और खाड़ी देशों से आयात होते हैं। युद्ध और क्षेत्रीय अस्थिरता के कारण इन देशों से सप्लाई बाधित होने से बाजार में उपलब्धता कम हो गई है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं।
प्रयागराज के एक थोक व्यापारी ने बताया, “ड्राई फ्रूट्स और सेंधा नमक की कीमतें रोज बदल रही हैं। सप्लाई कम है, लेकिन सावन में डिमांड कई गुना बढ़ जाती है। एक किलो सेंधा नमक, जो पहले 50 रुपये में मिलता था, अब 70-80 रुपये में बिक रहा है। ड्राई फ्रूट्स की हालत तो और भी खराब है।”
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से आयात पर विरोध ने स्थिति को और जटिल कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तान से माल लेना बंद होने के बाद अधिकतर सामान ईरान और खाड़ी देशों से मंगवाया जा रहा था, लेकिन युद्ध के कारण वहां से भी सप्लाई प्रभावित हो रही है।
ग्राहकों का कहना है कि सावन में व्रत के लिए सेंधा नमक और ड्राई फ्रूट्स की जरूरत बढ़ जाती है, लेकिन बढ़ती कीमतों ने उनकी जेब पर बोझ डाला है। एक ग्राहक ने शिकायत की, “हर साल सावन में हम सेंधा नमक और बादाम खरीदते थे, लेकिन इस बार दाम सुनकर हाथ पीछे खींचने पड़ रहे हैं।”
कुछ व्यापारियों ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की उम्मीद जताई है। एक व्यापारी ने कहा, “हमें भरोसा है कि सरकार हालात को कंट्रोल कर लेगी और बाजार जल्द स्थिर होगा।” व्यापारी और ग्राहक दोनों इस उम्मीद में हैं कि सप्लाई चेन जल्द बहाल होगी और कीमतें काबू में आएंगी।