Jharkhand High Court : हजारीबाग में करीब 450 एकड़ वन भूमि को रैयती बताकर बेचे जाने के गंभीर आरोपों पर झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की बेंच ने राज्य सरकार को 11 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है। इस मामले में शिवशंकर शर्मा की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है।
सरकार ठोस जवाब देने में असफल
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछा कि बिना नक्शे के जमीन की रजिस्ट्री आखिर कैसे कर दी गई? सरकार इस पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं दे सकी और सिर्फ इतना बताया कि सभी प्रखंडों में सर्किल अफसर की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई है।
अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जरुरत पड़ी तो शनिवार–रविवार का भी उपयोग कर जांच पूरी की जाए और समय पर रिपोर्ट दाखिल की जाए।
वन विभाग के सचिव करेंगे रिपोर्ट पेश
कोर्ट ने कहा कि सर्किल अफसर की कमेटी अपनी रिपोर्ट DC को देगी। इसके बाद DC सभी रिपोर्ट इकट्ठा कर वन विभाग के सचिव को सौंपेंगे। अंत में वन विभाग (Forest Department) के सचिव हाईकोर्ट में पूरी रिपोर्ट पेश करेंगे।




