रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने दिव्यांग कोटे के अभ्यर्थी राहुल वर्धन सहित 11वीं से 13वीं झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) परीक्षा में सफल रहे, लेकिन नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि याचिका दायर करने वाले आठों सफल अभ्यर्थियों को तुरंत नियुक्ति दी जाए, उनकी जॉइनिंग कराई जाए और उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा जाए।
अदालत ने यह भी साफ किया कि इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी। यानी, आगे जो भी अंतिम आदेश आएगा, उसका प्रभाव इनकी नियुक्ति पर पड़ सकता है। कोर्ट का यह आदेश अभ्यर्थियों के लिए फिलहाल बड़ी राहत माना जा रहा है।
आठ सफल अभ्यर्थियों को मिली राहत
इस मामले में जितेंद्र रजक, सूरज कुमार यादव, नीरज कुमार, आशुतोष कुमार, सुदिति सुमन, रूपाली रोशन, सूरज कुमार और रूपेंद्र प्रसाद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सभी अभ्यर्थी JPSC की 11वीं से 13वीं परीक्षा में सफल हुए थे, इसके बावजूद इन्हें नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था।
मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंदा सेन की अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और आशुतोष आनंद ने पक्ष रखा। वहीं, झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की तरफ से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और अधिवक्ता कुमार प्रिंस ने अदालत के सामने अपनी दलीलें रखीं।
हाईकोर्ट के इस आदेश से लंबे समय से नियुक्ति का इंतजार कर रहे सफल अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है। अब सभी की नजरें कोर्ट के अंतिम निर्णय पर टिकी हैं, जिससे इस पूरे मामले का स्थायी समाधान निकल सके।




