Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। पलामू जिले के पड़वा प्रखंड के 126 किसानों को वित्तीय वर्ष 2021-22 के धान बिक्री का भुगतान न होने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि बकाया राशि का Payment अब तक क्यों नहीं किया गया, इसका स्पष्ट कारण बताए। साथ ही, मामले की Progress Report भी दाखिल करने का आदेश दिया गया है।
PIL में क्या कहा गया?
यह मामला जनहित याचिका (Public Interest Litigation – PIL) से जुड़ा है, जिसे आशा देवी ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि पड़वा प्रखंड के किसानों को FY 2021-22 के धान बिक्री का 50% Payment बकाया है। किसानों ने अपना धान बेचा, लेकिन सरकारी खरीद प्रक्रिया में देरी के कारण उन्हें पूरा पैसा नहीं मिला।
हाल ही में एक समान मामले में हाईकोर्ट ने पलामू प्रशासन को 86 किसानों को Rs 51 लाख का भुगतान करने का निर्देश दिया था, जो Fake Procurement की जांच के बाद किया गया।
अगली सुनवाई 11 सितंबर को
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को करेगी। कोर्ट ने सरकार को सुनवाई से पहले सभी जरूरी दस्तावेज और रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
यह फैसला किसानों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि Jharkhand में Paddy Procurement में अक्सर देरी और भ्रष्टाचार की शिकायतें रहती हैं।
किसानों की परेशानी
Jharkhand के किसान धान की खरीद पर निर्भर रहते हैं, लेकिन MSP (Minimum Support Price) और Payment में देरी से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है।
2021-22 में Palamu जैसे जिलों में Fake Procurement के मामले सामने आए थे, जिससे Genuine Farmers को नुकसान हुआ। सरकार ने पहले भी ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई की है, लेकिन अब कोर्ट के हस्तक्षेप से उम्मीद है कि बकाया राशि जल्द मिलेगी।


