Jharkhand News: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में गुरुवार को पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। भाकपा माओवादी के 10 नक्सलियों ने DGP अनुराग गुप्ता के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। इनमें 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। ये सभी लंबे समय से कोल्हान और सारंडा के जंगलों में सक्रिय थे और कई गंभीर मामलों में वांछित चल रहे थे। https://x.com/ChaibasaPolice/status/1971149402439024920
सरेंडर समारोह में झारखंड CRPF IG साकेत सिंह, IG अभियान माइकल राज एस, IG STF , DIG कोल्हान, DIG स्पेशल ब्रांच, चाईबासा SP समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। DGP गुप्ता ने इन नक्सलियों को माला पहनाकर स्वागत किया और राज्य की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति की तारीफ की।
कौन थे सरेंडर करने वाले नक्सली?
सरेंडर करने वालों में एरिया कमेटी सदस्य रांदो बोइपाई उर्फ कांति बोइपाई प्रमुख हैं। बाकी सदस्यों में गार्टी कोड़ा, जॉन उर्फ जोहन पूरती, निरसो सीदू उर्फ आशा, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, कैरा कोड़ा, कैरी कायम उर्फ गुलांची, सावित्री गोप उर्फ मुतुरी उर्फ फुटबॉल और प्रदीप सिंह मुंडा शामिल हैं।
ये सभी हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट, यूएपीए और सीएलए एक्ट के तहत दर्ज कई मामलों में आरोपी थे।
नक्सलवाद खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम
DGP अनुराग गुप्ता ने इसे झारखंड पुलिस की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं। पिछले तीन सालों में पश्चिमी सिंहभूम से 26 नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं। इस सरेंडर से माओवादी संगठन को जोरदार झटका लगा है और चाईबासा-कोल्हान क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां और कमजोर होंगी।
DGP ने दावा किया कि 31 दिसंबर 2025 तक झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। इस साल अब तक 31 नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।
हथियार छोड़ो, मुख्यधारा से जुड़ो
झारखंड पुलिस ने बाकी नक्सलियों से अपील की है कि वे हिंसा छोड़कर सरेंडर करें और पुनर्वास नीति का फायदा उठाएं। समाज की मुख्यधारा से जुड़कर विकास का हिस्सा बनें। 2022 से अब तक पश्चिमी सिंहभूम में 9,631 अभियान चलाए गए, जिसमें 10 नक्सली मारे गए और 175 गिरफ्तार हुए।