Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिले के कराईकेला थाना क्षेत्र के टेंटईपदा गांव में पांच साल पहले हुए सीताराम बोदरा के अपहरण और हत्या कांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। इस मामले में तीन आरोपियों-राम बोदरा, पातोर होनहागा और लालो बोदरा-को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता युवती माधे दिग्गी और विशाल पूर्ति फरार हैं।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर राजविजयपुर और बेनटांगर के बीच सुनसान कैनाल के पास दफनाए गए नरकंकाल को बरामद किया है, जिसकी शिनाख्त के लिए फॉरेंसिक जांच शुरू की गई है।
क्या है पूरा मामला?
DSP शिवम प्रकाश ने शनिवार को कराईकेला थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 29 सितंबर 2020 को टेंटईपदा गांव निवासी नंदू बोदरा ने अपने बेटे सीताराम बोदरा के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने लंबे समय तक जांच की, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला। 27 जून 2025 को मिले अहम सुराग के आधार पर पुलिस ने पातोर होनहागा, राम बोदरा और लालो बोदरा को हिरासत में लिया।
पूछताछ में तीनों ने अपराध कबूल कर लिया और बताया कि उन्होंने माधे दिग्गी और विशाल पूर्ति के साथ मिलकर सीताराम की हत्या की थी। शव को सुनसान कैनाल के पास दफना दिया गया था।
प्रेम प्रसंग बना हत्या की वजह
जांच में खुलासा हुआ कि सीताराम बोदरा का टेंटईपदा गांव की युवती माधे दिग्गी के साथ प्रेम प्रसंग था। लेकिन माधे और उसके करीबी पातोर होनहागा को यह रिश्ता स्वीकार नहीं था।
इसी रंजिश में माधे दिग्गी ने हत्या की साजिश रची और पातोर होनहागा, राम बोदरा, लालो बोदरा व विशाल पूर्ति के साथ मिलकर सीताराम की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को गुप्त स्थान पर दफनाया गया ताकि साक्ष्य मिटाए जा सकें।
फॉरेंसिक जांच
डीएसपी शिवम प्रकाश के नेतृत्व में कराईकेला थाना प्रभारी अंकित कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक गौतम कुमार, चंदन शुभम शर्मा और थाना के जवानों की टीम ने इस कांड का उद्भेदन किया।
आरोपियों की निशानदेही पर बरामद नरकंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि उसकी शिनाख्त पक्की की जा सके। पुलिस फरार आरोपियों-माधे दिग्गी और विशाल पूर्ति-की तलाश में छापेमारी कर रही है।