Jharkhand News: झारखंड सरकार के RTI (Right to Information) पोर्टल पर shocking खामी सामने आई है। राज्य के छह जिले-सरायकेला-खरसांवा, जामताड़ा, खूंटी, लातेहार, रामगढ़ और सिमडेगा-पोर्टल से पूरी तरह गायब हैं।
इस serious lapse ने न केवल पोर्टल की credibility पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सरकार की transparency और accountability की commitment पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है।
RTI पोर्टल की अहमियत
RTI कानून को जनता और प्रशासन के बीच पारदर्शिता का bridge माना जाता है। यह नागरिकों को सरकारी कार्यों की जानकारी लेने का अधिकार देता है। लेकिन छह जिलों का पोर्टल पर absence इस बात का संकेत है कि सूचना तक पहुंच में बाधा उत्पन्न हो रही है।
इन जिलों के नागरिक RTI के जरिए अपनी queries दर्ज ही नहीं कर पा रहे, जिससे उनका fundamental right प्रभावित हो रहा है।
तकनीकी खामी या प्रशासनिक लापरवाही?
Experts का मानना है कि यह technical glitch हो सकता है, लेकिन इतने लंबे समय तक इस issue का unresolved रहना administrative negligence को दर्शाता है।
एक RTI activist ने कहा, “यह सिर्फ तकनीकी error नहीं, बल्कि सरकार की जवाबदेही के प्रति उदासीनता का सबूत है।” इन जिलों के नागरिकों को RTI दाखिल करने के लिए manual process अपनाना पड़ रहा है, जो समय और संसाधन दोनों की बर्बादी है।
सरकार पर उठ रहे सवाल?
RTI पोर्टल की यह कमी सरकार के digital governance के दावों पर सवाल उठा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को तुरंत इस technical flaw को fix करना चाहिए और प्रभावित जिलों को पोर्टल पर restore करना चाहिए।
साथ ही, भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए regular monitoring और maintenance की जरूरत है।