RIMS News: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के निदेशक डॉ. राजकुमार को उनके पद से हटाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस फैसले के खिलाफ जदयू विधायक सरयू राय ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है।
राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि डॉ. राजकुमार को इसलिए हटाया गया, क्योंकि उन्होंने रिम्स शासी परिषद की हालिया बैठक में करोड़ों रुपये के गलत भुगतान के सरकारी आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया और सच बोलने की हिम्मत दिखाई।
राय ने दावा किया कि डॉ. राजकुमार द्वारा रिम्स में किए जा रहे सुधार, जैसे डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर रोक और सख्त नियम लागू करना, सरकार को रास नहीं आए। उन्होंने लिखा, “डॉ. राजकुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन उनकी ईमानदारी को सजा दी गई। यह झारखंड के स्वास्थ्य सिस्टम के लिए शर्मनाक है।”
स्वास्थ्य मंत्री के फैसले पर सवाल
रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने डॉ. राजकुमार को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया था। इस फैसले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंजूरी भी मिली थी। अंसारी ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य के हित में है और वे स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए आए हैं। हालांकि, इस बर्खास्तगी के पीछे की वजह को लेकर कोई स्पष्ट कारण सार्वजनिक नहीं किया गया।
डॉ. राजकुमार का कार्यकाल
डॉ. राजकुमार अपने सख्त रवैये और सुधारों के लिए चर्चा में रहे। उन्होंने रिम्स में कई कड़े नियम लागू किए थे, जिनमें डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध और अस्पताल में पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयास शामिल थे। उनकी इन कोशिशों को कुछ लोग सुधार के रूप में देखते थे, जबकि कुछ ने इसे अति सख्ती माना।
उनकी बर्खास्तगी के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनकी ईमानदारी और सुधारवादी नीतियां ही उनके पद से हटने का कारण बनीं।




