Ranchi News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के आदेश के तहत रांची में रह रहे चार पाकिस्तानियों, जिनमें तीन बच्चे शामिल हैं, को दो दिन पहले पाकिस्तान भेजा गया।
हालांकि, रांची पुलिस की लापरवाही के कारण चारों बिना एग्जिट वीजा के वाघा बॉर्डर पहुंचे, जहां उन्हें 24 घंटे तक रोका गया। मंगलवार को DIG सह रांची SSP चंदन कुमार सिन्हा की त्वरित कार्रवाई के बाद चारों को WhatsApp के जरिए एग्जिट वीजा उपलब्ध कराया गया, जिसके आधे घंटे बाद वे पाकिस्तान में दाखिल हो सके।
क्या था मामला?
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल वापस भेजने का निर्देश दिया। इसके तहत रांची पुलिस ने डोरंडा में रह रहे तीन बच्चों और हिंदपीढ़ी के एक व्यक्ति की पहचान की, जो टूरिस्ट वीजा पर भारत में थे।
पुलिस ने चारों को तुरंत देश छोड़ने का आदेश दिया और उन्हें ट्रेन से दिल्ली भेजा। सोमवार को चारों वाघा बॉर्डर पहुंचे, लेकिन एग्जिट वीजा न होने के कारण उन्हें रोक लिया गया। चारों 24 घंटे तक बॉर्डर पर फंसे रहे।
परिजनों की शिकायत और पुलिस की लापरवाही
चारों के परिजनों ने इसकी जानकारी डोरंडा और हिंदपीढ़ी थाना प्रभारियों को दी, लेकिन दोनों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मंगलवार को परिजनों ने SSP चंदन कुमार सिन्हा से मुलाकात कर शिकायत दर्ज की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। उन्होंने विदेश शाखा के कर्मियों को बुलाया और दोनों थाना प्रभारियों से जानकारी मांगी।
विदेश शाखा ने बताया कि डोरंडा और हिंदपीढ़ी थाना प्रभारियों ने चारों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की जानकारी नहीं दी थी।
SSP के निर्देश पर दोनों थाना प्रभारियों ने आधे घंटे के भीतर चारों की पूरी जानकारी विदेश शाखा को उपलब्ध कराई। इसके बाद मंगलवार अपराह्न 3:30 बजे विदेश शाखा ने WhatsApp के जरिए चारों को एग्जिट वीजा भेजा।
इसके आधे घंटे बाद चारों को पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति मिल गई।