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झारखंड हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश, JHARERA में रिक्त पदों पर नियुक्ति की बताएं समय-सीमा

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Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने 8 मई को राज्य सरकार से झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (JHARERA) में रिक्त पड़े चेयरमैन, एडज्यूकेटिंग ऑफिसर, और अन्य पदों पर नियुक्ति की समय-सीमा बताने का निर्देश दिया।

यह आदेश शशि सागर वर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने दिया।

याचिका में कहा गया कि JHARERA में जनवरी 2021 से नियमित चेयरमैन और नवंबर 2022 से एडज्यूकेटिंग ऑफिसर का पद खाली है, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र के 67 मामले लंबित हैं। अगली सुनवाई 17 जून 2025 को होगी।

शशि सागर वर्मा ने जनहित याचिका में मांग की कि JHARERA में रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं और बिल्डरों को परेशानी हो रही है।

RTI से मिली जानकारी के अनुसार, JHARERA के समक्ष 67 मामले लंबित हैं, जिनमें बिल्डरों द्वारा प्रोजेक्ट्स में देरी, धोखाधड़ी, और फ्लैट खरीदारों के रिफंड से जुड़े विवाद शामिल हैं।

याचिका में बताया गया कि जनवरी 2021 से JHARERA कार्यवाहक चेयरमैन के भरोसे चल रहा है, और नवंबर 2022 से एडज्यूकेटिंग ऑफिसर का पद खाली है। इससे प्राधिकरण की कार्यक्षमता प्रभावित हुई है।

सरकार की जिम्मेदारी

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 21 और झारखंड रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2017 (नियम 19) के तहत, राज्य सरकार को JHARERA में चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति से परामर्श कर रिक्तियां शीघ्र भरनी चाहिए।

याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार ने तीन साल से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह इन रिक्तियों को कब तक भरेगी और नियुक्ति प्रक्रिया की समय-सीमा क्या है।

हाईकोर्ट का निर्देश

मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने सरकार के वकील से कहा, “JHARERA उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है। रिक्तियां इतने लंबे समय तक खाली रहना स्वीकार्य नहीं।” कोर्ट ने सरकार को 17 जून तक नियुक्ति की समय-सीमा और प्रक्रिया का ब्योरा देने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता के वकील राजीव सिन्हा ने तर्क दिया कि रिक्तियों के कारण उपभोक्ता कोर्ट में आ रहे हैं, जिससे हाईकोर्ट पर बोझ बढ़ रहा है।

सरकार की ओर से AAG संजय पिपरवाल ने कहा कि चयन समिति गठित है, और जल्द कार्रवाई होगी।झारखंड हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश, JHARERA में रिक्त पदों पर नियुक्ति की बताएं समय-सीमा

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने 8 मई को राज्य सरकार से झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (JHARERA) में रिक्त पड़े चेयरमैन, एडज्यूकेटिंग ऑफिसर, और अन्य पदों पर नियुक्ति की समय-सीमा बताने का निर्देश दिया। यह आदेश शशि सागर वर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने दिया।

याचिका में कहा गया कि JHARERA में जनवरी 2021 से नियमित चेयरमैन और नवंबर 2022 से एडज्यूकेटिंग ऑफिसर का पद खाली है, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र के 67 मामले लंबित हैं। अगली सुनवाई 17 जून 2025 को होगी।

शशि सागर वर्मा ने जनहित याचिका में मांग की कि JHARERA में रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं और बिल्डरों को परेशानी हो रही है। RTI से मिली जानकारी के अनुसार, JHARERA के समक्ष 67 मामले लंबित हैं, जिनमें बिल्डरों द्वारा प्रोजेक्ट्स में देरी, धोखाधड़ी, और फ्लैट खरीदारों के रिफंड से जुड़े विवाद शामिल हैं।

याचिका में बताया गया कि जनवरी 2021 से JHARERA कार्यवाहक चेयरमैन के भरोसे चल रहा है, और नवंबर 2022 से एडज्यूकेटिंग ऑफिसर का पद खाली है। इससे प्राधिकरण की कार्यक्षमता प्रभावित हुई है।

सरकार की जिम्मेदारी

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 21 और झारखंड रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2017 (नियम 19) के तहत, राज्य सरकार को JHARERA में चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति से परामर्श कर रिक्तियां शीघ्र भरनी चाहिए।

याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार ने तीन साल से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह इन रिक्तियों को कब तक भरेगी और नियुक्ति प्रक्रिया की समय-सीमा क्या है।

हाईकोर्ट का निर्देश

मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने सरकार के वकील से कहा, “JHARERA उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है। रिक्तियां इतने लंबे समय तक खाली रहना स्वीकार्य नहीं।”

कोर्ट ने सरकार को 17 जून तक नियुक्ति की समय-सीमा और प्रक्रिया का ब्योरा देने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता के वकील राजीव सिन्हा ने तर्क दिया कि रिक्तियों के कारण उपभोक्ता कोर्ट में आ रहे हैं, जिससे हाईकोर्ट पर बोझ बढ़ रहा है।

सरकार की ओर से AAG संजय पिपरवाल ने कहा कि चयन समिति गठित है, और जल्द कार्रवाई होगी।

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