Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार की एक अपील (LPA) को खारिज कर दिया, जिसमें पलामू के क्लर्क सुरेंद्र कुमार सिंह के तबादले को चुनौती दी गई थी।
चीफ जस्टिस MS रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने 211 दिन की देरी से अपील दाखिल की और इसके लिए कोई संतोषजनक कारण नहीं दिया। प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता समावेशभंज देव ने पक्ष रखा।
फाइल की देरी को कोर्ट ने ठहराया अनुचित
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपील दाखिल करने में देरी के लिए सरकार ने कोई ठोस कारण नहीं बताया। विभागों के बीच फाइल को देर से स्थानांतरित करने को उचित नहीं माना जा सकता।
तबादला दंडात्मक प्रतीत हुआ
सुरेंद्र कुमार सिंह, जो पलामू के पाटन में क्लर्क थे, का 2019 में तबादला पाकुड़ के सिविल सर्जन कार्यालय में किया गया था। उन्होंने इसे दंडात्मक बताते हुए हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी।
उनकी दलील थी कि तबादले की प्रक्रिया में उचित सुनवाई नहीं हुई। एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए तबादले के आदेश को रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ सरकार ने अपील दायर की, लेकिन 211 दिन की देरी के कारण खंडपीठ ने इसे खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट के इस फैसले ने सुरेंद्र कुमार सिंह के पक्ष में एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा, जिससे उनका तबादला रद्द रहा। कोर्ट ने सरकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया और अपील को स्वीकार नहीं किया।




