Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने पेसा (पंचायत उपबंध विस्तार अनुसूचित क्षेत्र अधिनियम) नियमावली लागू न होने से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि बालू घाट और लघु खनिजों की नीलामी पर कोई रोक नहीं है, लेकिन उनके अलॉटमेंट पर रोक लगाई गई है।
हाईकोर्ट का आदेश, अलॉटमेंट पर रोक
मंगलवार को आदिवासी बुद्धिजीवी मंच की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि जब तक पिछले साल दिए गए पेसा नियमावली लागू करने के आदेश का पालन नहीं होता, तब तक बालू घाट और अन्य लघु खनिजों का अलॉटमेंट नहीं होगा।
हालांकि, नीलामी की प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं है, और यह पहले की तरह जारी रहेगी।
23 सितंबर को अगली सुनवाई
सुनवाई के दौरान पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार कोर्ट में मौजूद थे। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 23 सितंबर 2025 की तारीख तय की है और सचिव को उस दिन भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने दलीलें पेश कीं।
पेसा नियमावली का मामला
पेसा नियमावली अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों को खनन और अन्य संसाधनों पर अधिकार देती है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश के बावजूद इसे लागू नहीं किया, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में खनन गतिविधियों पर स्थानीय समुदाय का नियंत्रण प्रभावित हो रहा है।
कोर्ट का यह आदेश आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


