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पारा शिक्षक स्थायीकरण, वेतनमान मामला : कमेटी की भी आ गई रिपोर्ट, फिर क्यों मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री फैसले लेने में कर रहे देरी: मोर्चा

रांची: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि राज्य के पारा शिक्षक शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के आगमन से काफी खुश हैं।

लेकिन मंत्री के आने के बाद भी सरकार के द्वारा पारा शिक्षकों का स्थायीकरण, वेतनमान को लेकर आगे न बढ़ पाने से वह काफी दुखी है।

मोर्चा के सदस्य संजय दुबे ने शनिवार को कहा कि विगत वर्षों में राज्य में निरंतर पारा शिक्षकों की मौत हो रही है लेकिन सरकार के द्वारा उनके परिजनों को एक रुपये भी नहीं मिल पाता है।

पारा शिक्षक विगत 20 वर्षों से सेवारत है।

प्रतिवर्ष आंदोलनरत रहे। सरकार आती है और हमारे भविष्य को सुरक्षित करने का वादा करती है।

चुनाव के समय हेमंत सोरेन द्वारा भी यह आश्वस्त किया गया कि उनकी सरकार बनते ही राज्य के पारा शिक्षकों की भविष्य को सुरक्षित किया जाएगा।

पारा शिक्षकों का स्थायीकरण और वेतनमान के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा भी किया गया।

कमेटी की रिपोर्ट भी आ गई। मुख्यमंत्री को निर्णय लेना है। उसमें भी विलंब होने से राज्य के पारा शिक्षकों में काफी दुख व्याप्त है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से पारा शिक्षकों को काफी उम्मीद जगी है।

लेकिन आज वह भी उम्मीद धीरे धीरे कम होते जा रहा है।  इससे राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों में रोष उत्पन्न हो रहा है।

मोर्चा मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से आग्रह करती है कि पारा शिक्षकों का स्थायीकरण और वेतनमान के साथ-साथ किसी दुर्घटना घट जाने के बाद उनके परिजनों को सहयोग प्राप्त हो।

अगर इस दिशा में जल्द कार्यवाई नहीं की जाती है तो पारा शिक्षक आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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