Ranchi News: धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को कोकर स्थित उनके समाधि स्थल पर माल्यार्पण के बाद झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने झारखंड की स्थानीय नीति और नियोजन नीति का प्रारूप सौंपा।
बिरसा मुंडा के सपनों को साकार करना जरूरी
देवेंद्र नाथ महतो ने राज्यपाल से कहा कि 15 नवंबर 2000 को बिरसा मुंडा की जयंती पर ‘अबुआ दिशुम अबुआ राज’ के उद्देश्य से झारखंड राज्य का गठन हुआ था। लेकिन 25 साल बाद भी यह सपना अधूरा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिरसा मुंडा के सपनों को साकार करना जरूरी है।
झारखंड का सबसे ज्वलंत मुद्दा स्थानीय नीति और नियोजन नीति का निर्धारण है, जिसके अभाव में झारखंडियों की पहचान, अस्मिता और अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।
महतो ने बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा-85 के तहत श्रम एवं नियोजन विभाग के गजट में संशोधन की मांग की, जिसमें ‘बिहार’ की जगह ‘झारखंड’ और ‘पटना’ की जगह ‘रांची’ कर झारखंडियों की पहचान परिभाषित की जाए। साथ ही, डॉ. रामदयाल मुंडा की रिपोर्ट के आधार पर झारखंड की नौ जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को स्थानीय नीति का आधार मानते हुए नियोजन नीति लागू करने की मांग की गई।
इस दौरान राज्यपाल को प्रारूप के साथ-साथ बिहार सरकार के श्रम नियोजन विभाग के गजट और बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की छाया प्रति सौंपी गई।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि झारखंडियों की जनभावनाओं का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक-2022 को विधानसभा से पारित कर राष्ट्रपति भवन भेजा जा चुका है।