Jharkhand News: न्यायिक दंडाधिकारी अर्चना कुमारी की अदालत ने शुक्रवार (23 मई 2025) को दहेज प्रताड़ना के एक मामले में आरोपी विक्रांत तिवारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
सुनवाई के दौरान पीड़िता (आरोपी की पत्नी) ने अदालत को बताया कि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हो गया है और वह अब केस आगे नहीं लड़ना चाहती। इस बयान और साक्ष्य की कमी के आधार पर कोर्ट ने विक्रांत को बरी कर दिया।
क्या था मामला?
मामला 2 जून 2023 को सुखदेव नगर थाने में दर्ज FIR से जुड़ा है। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि शादी के एक साल बाद उनके पति विक्रांत तिवारी ने दहेज के रूप में XUV वाहन खरीदने के लिए ₹20 लाख नकद की मांग की। मांग पूरी न होने पर विक्रांत ने कथित तौर पर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।
FIR में दहेज उत्पीड़न और क्रूरता (IPC धारा 498A, 323 और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3/4) के तहत केस दर्ज किया गया था।
कोर्ट में क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान पीड़िता ने बयान दिया कि वह और विक्रांत आपसी सहमति से मामले को सुलझा चुके हैं। उन्होंने कहा, “हमने समझौता कर लिया है, और मैं अब केस नहीं लड़ना चाहती।” अभियोजन पक्ष साक्ष्य पेश करने में नाकाम रहा, और कोई स्वतंत्र गवाह या ठोस सबूत (जैसे मेडिकल रिपोर्ट, चैट, या ऑडियो) प्रस्तुत नहीं किए गए।
बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि मामला व्यक्तिगत विवाद था और दहेज उत्पीड़न का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इन आधारों पर कोर्ट ने विक्रांत को बरी कर दिया।