HomeझारखंडTSPC कमांडर दिवाकर गंझू और एक उग्रवादी गिरफ्तार, हथियार और सामान बरामद

TSPC कमांडर दिवाकर गंझू और एक उग्रवादी गिरफ्तार, हथियार और सामान बरामद

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Jharkhand News: रांची के बुढ़मू थाना पुलिस ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) के सब-जोनल कमांडर दिवाकर गंझू उर्फ प्रताप जी और उसके सहयोगी अक्षय गंझू को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई गुरुवार देर रात चैनगढ़ा-गम्हरिया जंगल में की गई।

पुलिस ने इनके पास से दो देशी पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस, TSPC के पर्चे, चार Jio राउटर, तीन पावर बैंक, पांच मोबाइल फोन, चार मोबाइल चार्जर और अन्य सामान बरामद किए हैं।

DIG सह SSP चंदन कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि दिवाकर गंझू अपने दस्ते के साथ बुढ़मू थाना क्षेत्र के चैनगढ़ा-गम्हरिया जंगल में लेवी वसूलने और दहशत फैलाने की बड़ी साजिश रच रहा था।

सूचना के मुताबिक, ये लोग पतरातू की ओर से आने वाले राहगीरों को रोककर उनके मोबाइल चेक कर रहे थे और मारपीट कर रहे थे। इसके आधार पर खलारी DSP राम नारायण चौधरी के नेतृत्व में एक छापेमारी टीम गठित की गई।

टीम ने जंगल को घेरकर कार्रवाई की, जिसमें दिवाकर गंझू और अक्षय गंझू को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, तीन-चार अन्य उग्रवादी जंगल की झाड़ियों का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। पुलिस उनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही है।

दिवाकर गंझू का आपराधिक इतिहास

SSP सिन्हा ने बताया कि दिवाकर गंझू करीब 15 साल पहले उग्रवादी जगु गंझू के कहने पर TSPC में शामिल हुआ था। 2018 में जगु गंझू के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने और क्षेत्रीय कमांडर दिनेश राम के जेल जाने के बाद दिवाकर को TSPC का सब-जोनल कमांडर बनाया गया। वह बुढ़मू, उरीमारी, भुरकुंडा, पतरातू, बड़कागांव, और केरेडारी क्षेत्रों में सक्रिय था।

दिवाकर विकास कार्यों, क्रशर मालिकों, ईंट भट्ठा मालिकों, और जमीन कारोबारियों से लेवी वसूलता था। रंगदारी न देने वालों के खिलाफ वह आगजनी, तोड़फोड़, और फायरिंग जैसी कार्रवाइयां करता था। इसके खिलाफ रांची, हजारीबाग, और अन्य जिलों में कुल 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें रंगदारी, हत्या का प्रयास, और आर्म्स एक्ट के मामले शामिल हैं।

ये सामान हुए बरामद

पुलिस ने गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से बरामद सामानों में TSPC के पर्चे शामिल हैं, जो संगठन की सक्रियता और प्रचार का सबूत हैं। मोबाइल फोन और राउटर की जांच की जा रही है ताकि अन्य उग्रवादियों और उनके नेटवर्क का पता लगाया जा सके। SSP ने बताया कि दिवाकर और अक्षय से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर फरार उग्रवादियों की तलाश तेज कर दी गई है।

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