Jharkhand News: झारखंड के हजारीबाग जिले में शनिवार देर रात उग्रवादी संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी (TPC) ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) की तापीन नॉर्थ परियोजना पर धावा बोलकर बड़ी वारदात को अंजाम दिया।
चरही थाना क्षेत्र में रात 12 से 1 बजे के बीच 9-10 हथियारबंद उग्रवादियों ने आउटसोर्सिंग कंपनी RKS की छह भारी गाड़ियों-पोकलेन, हाइवा और डंपर-को निशाना बनाया। डीजल-पेट्रोल निकालकर इनमें आग लगा दी गई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।
कर्मचारियों से मारपीट, काम बंद करने का अल्टीमेटम
हमले के दौरान TPC के दस्ते ने ड्यूटी पर मौजूद ऑपरेटरों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की और धमकी दी कि अगर कंपनी ने तत्काल काम बंद नहीं किया, तो “गंभीर परिणाम” भुगतने होंगे।
उग्रवादियों ने मौके पर TPC के नाम से पोस्टर चिपकाए, जिसमें लिखा था कि संगठन से बातचीत के बिना कोई कंपनी काम शुरू न करे। पोस्टर में “गुरुदेव जी” के हस्ताक्षर थे, जो लेवी (रंगदारी) की मांग का संकेत देता है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही चरही थाना प्रभारी कुंदन कांत विमल मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश की। पुलिस ने TPC के पोस्टर बरामद किए और मामले को लेवी वसूली से जोड़कर देख रही है।
बिशनगढ़ SDPO बी.एन. प्रसाद ने बताया कि 6 गाड़ियां पूरी तरह जल गईं, और अपराधियों की तलाश के लिए raids शुरू कर दिए गए हैं। हजारीबाग SP अंजनी अंजन ने कहा कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
लेवी विवाद और बढ़ती उग्रवादी गतिविधियां
RKS कंपनी पिछले चार वर्षों से तापीन नॉर्थ परियोजना में कोयला खनन का काम कर रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि TPC लंबे समय से खनन कंपनियों से लेवी की मांग करता रहा है, और यह हमला उसी विवाद का नतीजा हो सकता है।
यह इलाके में इस तरह की सबसे बड़ी वारदात मानी जा रही है। इससे पहले 23 जून को हजारीबाग के बड़कागांव में सड़क निर्माण साइट पर भी वाहनों में आगजनी की गई थी।
क्षेत्र में दहशत, CCL ने दी सुरक्षा की गारंटी
आगजनी और हिंसा से कोयला खनन क्षेत्र में डर का माहौल है। स्थानीय लोगों ने उग्रवादी गतिविधियों को क्षेत्र के विकास के लिए खतरा बताया। CCL प्रबंधन ने कर्मचारियों और ठेका कंपनियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।
पुलिस ने परियोजना स्थल पर अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है, और TPC के खिलाफ intensive crackdown की योजना बनाई जा रही है।