ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार की सुबह झारखंड की राजधानी रांची और जमशेदपुर में ₹14,325 करोड़ के फर्जी GST इनवॉइस से जुड़े ₹800 करोड़ के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले की जांच के तहत ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की।
रांची के कांके, बरियातू, और लालपुर सहित नौ ठिकानों पर छापे मारे गए, जबकि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भी समानांतर कार्रवाई चल रही है।
ED ने शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता, और अमित गुप्ता पर फर्जी इनवॉइस के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हो रही है, जिसका मकसद घोटाले से जुड़े दस्तावेज और संपत्तियों को जब्त करना है।
रांची और जमशेदपुर में ED का एक्शन
8 मई को सुबह 7 बजे से ED की टीमें, CRPF जवानों के साथ, रांची के कांके में शिव कुमार देवड़ा के आवास, लालपुर में सुमित गुप्ता के कार्यालय, और बरियातू में अमित गुप्ता से जुड़े ठिकानों पर पहुंचीं।
जमशेदपुर में देवड़ा से जुड़े एक व्यापारिक प्रतिष्ठान पर भी छापेमारी हुई। सूत्रों के अनुसार, ED ने फर्जी GST इनवॉइस, बैंक रिकॉर्ड, और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं।
कोलकाता में समानांतर छापेमारी
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ED ने तीन ठिकानों पर छापे मारे, जो देवड़ा के व्यापारिक सहयोगियों से जुड़े हैं।
यह घोटाला कोलकाता-आधारित व्यापारी शिव कुमार देवड़ा के नेतृत्व में संचालित था, जिसे मार्च 2024 में GST इंटेलिजेंस ने ₹132 करोड़ के फर्जी इनवॉइस मामले में गिरफ्तार किया था।
ED का मानना है कि यह रैकेट झारखंड, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, और तमिलनाडु तक फैला है, जिससे कुल ₹500 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।
₹800 करोड़ GST घोटाले का खुलासा
ED की जांच में पता चला कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियों के नाम पर ₹14,325 करोड़ के नकली इनवॉइस बनाए, जिसके जरिए ₹800 करोड़ से अधिक का अनधिकृत ITC क्लेम किया गया।
शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता, और अमित गुप्ता ने कथित तौर पर डमी फर्मों का नेटवर्क बनाकर फर्जी बिक्री रिकॉर्ड तैयार किए, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
ED अब इन फंड्स के ट्रांसफर और मनी लॉन्ड्रिंग के रास्तों का पता लगा रही है। जांच में डिजिटल ट्रांजैक्शन और हवाला नेटवर्क की भी पड़ताल हो रही है।