झारखंड

झारखंड : शताब्दी वर्ष के लिए खुलें खातें के उपयोग का आरोप, सिंडिकेट ने संत कोलंबा के प्राचार्य को किया निलंबित

हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने संत कोलंबा कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. सुशील कुमार टोप्पो को निलंबित कर दिया है।

यह निर्णय सिंडिकेट ने सर्वसम्मति से लिया है। मंगलवार को आर्यभट्ट सभागार में आहूत सिंडिकेट बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव ने की।

करीब पांच घंटे चली इस बैठक में प्राचार्य डाॅ. टोप्पो ने काॅलेज के लिए शताब्दी वर्ष समारोह में उपयोग हेतु खोला गया खाता का उपयोग किया गया।

हालांकि यह मामला पूर्व कुलपति डाॅ. प्रो. रमेश शरण के समय में ही प्रकाश में आया था।

सी मामले को लेकर प्रतिकुलपति डाॅ. अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में गठित समिति के जांच रिपोर्ट के आधार पर सिंडिकेट ने कार्रवाई की।

हालांकि सिंडिकेट के निर्णय के प्रति संत कोलंबा काॅलेज के डाओसी को भेजे जाने की बात भी कही गई है। कहा गया है कि अभी भी काॅलेज के प्राचार्य को लेकर अंतिम निर्णय डाओसी ही करता है।

वैसे सूचना यह भी है कि पूर्व प्राचार्य डाॅ. जेएस साॅ के कार्यकाल में 2000 में काॅलेज के शताब्दी समारोह के लिए बैंक मंे अलग खाता खोला गया था।

समारोह की समाप्ति के बाद नियमतः इस खाते को बंद कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन इस खाते को बंद नहीं किया गया और समय समय पर काॅलेज के कई प्राचार्यों व प्रोफेसर इंचार्ज ने भी इस खाते का उपयोग किया।

कहा गया है कि वर्तमान प्राचार्य डाॅ. सुशील टोप्पो ने भी पूर्व में चली आ रही परंपरा के अनुसार ही काॅलेज को प्राप्त कई फंड को इसी खाते में रखा और उसका उपयोग किया।

चर्चा यह भी है कि प्राचार्य डाॅ. टोप्पो के साथ काॅलेज के तत्कालीन बर्सर डाॅ. राखो हरि के विवाद के कारण यह मामला प्रकाश में आया।

डाॅ. राखो हरि ने बर्सर रहते हुए इस खाते के चेक पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। इस संबंध में फिर मामला विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष आया और अब 21 साल बाद सिंडिकेट ने कार्रवाई की है।

हालांकि सिंडिकेट को अब इस मामले में पूर्व प्राचार्यों पर भी कार्रवाई करने के लिए आगे बढ़ना होगा।

सूचना है कि कई प्राचार्यों यथा डाॅ. जेएस शाॅ, डाॅ. अजराया हंस, प्रो. इंचार्ज डाॅ. बीएन चैधरी, डाॅ. अनवर मल्लिक सहित कई अन्य ने भी इस खाते का उपयोग कर चुके हंै।

सिंडिकेट को पूरे मामले की जांच करवाकर अब आगे बढ़ने का निर्णय लेना चाहिए। आज की बैठक में प्रति कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, कुलसचिव डॉ. बंशीधर प्रसाद रूखैयार, डॉ. चंद्रशेखर सिंह, अभय सिन्हा, डॉ. जॉनी रूफीना तिर्की, डॉ. रेखा रानी समेत कई सदस्यगण उपस्थित थे।

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