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नक्सलियों के बाद झारखंड के आपराधिक गिरोह पुलिस के रडार पर

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रांची: झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) नक्सलियों (Maoists) के तीन कोर एरिया ध्वस्त करने के बाद अब राज्य में सक्रिय संगठित आपराधिक गिरोह (Criminal Gang) को खत्म करने में जुट गयी है।

राज्य में नक्सल के चार कोर एरिया हुआ करते थे। इनमें बुढ़ा पहाड़, पारसनाथ (Parasnath) और ट्राई जंक्शन (खूंटी,सरायकेला और चाईबासा )और कोल्हान शामिल है।

इनमें तीन को नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है। सिर्फ कोल्हान में नक्सलियों की मौजूदगी है। वहां भी लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

ATS की टीम कई राज्यों में पैनी नजर रख रही

झारखंड (Jharkhand) में सक्रिय बड़े आपराधिक गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से पुलिस काम कर रही है। इस कड़ी में जो कुख्यात झारखंड के बाहर भी पनाह लिए हुए है उनके गिरफ्तारी (Arrest) के लिए भी स्पेशल टीम बना दी गयी है।

स्पेशल टीम को आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) लीड कर रही है। ATS की टीम कई राज्यों में पैनी नजर रख रही है। IPS रैंक के अधिकारी स्पेशल टीम को लीड कर रहे हैं, जबकि पुलिस मुख्यालय से IG रैंक के अधिकारी स्पेशल टीम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

भोला पांडेय गिरोह का विकास पांडेय संभाल रहा

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में फिलहाल आठ से दस संगठित आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं। इनमें से अधिक्तर गिरोह के प्रमुख जेल (Jail) में बंद हैं।

कुछ फरार हैं जबकि कुछ के गैंगवार में मारे जाने के बाद भी उनके गिरोह को उनके परिवार (Family) के सदस्य या फिर उनके बेहद करीबी रहे गिरोह का संचालन कर रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से डॉन अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh), सुजीत सिन्हा, अमन साव, अमन सिंह और अनिल शर्मा शामिल हैं।

ये सभी राज्य के अलग अलग जेलों में बंद हैं। जबकि कुख्यात अपराधी भोला पांडेय (Bhola Pandey) और सुशील श्रीवास्तव दोनो ही गैंगवार में मारे गए हैं, लेकिन दोनों का गिरोह राज्य में बेहद सक्रिय हैं। इस समय भोला पांडेय गिरोह का विकास पांडेय (Vikas Pandey) संभाल रहा है। वहीं सुशील श्रीवास्तव गैंग को उसका बेटा अमन श्रीवास्तव संभाल रहा है।

डब्लू सिंह को पलामू के आतंक के रूप में जाना जाता

वहीं दूसरी ओर डब्लू सिंह को पलामू (Palamu) के आतंक के रूप में जाना जाता है। ये सभी गिरोह झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के स्पेशल टीम के रडार पर हैं।

दूसरा प्रमुख नाम गैंग्स ऑफ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) के प्रिंस खान है, प्रिंस खान फिलहाल दुबई (Dubai) में है और वहीं से अपने गिरोह को संचालित कर रहा है।

अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए ATS की सहयोग लिया जा रहा

झारखंड पुलिस के IG अभियान सह प्रवक्ता एवी होमकर ने बताया कि संगठित आपराधिक गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया गया है।

स्पेशल सेल राज्य के बाहर छिपे कुख्यात अपराधियों पर भी करवाई कर रहा है। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए ATS की सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही CID भी इसपर काम कर रही है। स्पेशल टीम के इनपुट पर कई अपराधियों को पकड़ा गया है।

पुलिस के रडार पर ये अपराधी

स्पेशल टीम के रडार में शमिल अपराधियों में प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव, डब्ल्यू सिंह उर्फ गौतम सिंह, मोहम्मद उर्फ नेपाली जहीर और फिरोज खान, अमन साहू गिरोह के पंकज करमाली उर्फ खटिया, सुनील पासी, दुर्गा महतो उर्फ रॉकी और कालू बंगाली, अमन सिंह गिरोह के आशीष रंजन सिंह, राहुल नोनिया, सतीश महतो और शेख मोहम्मद, भोला पांडेय गिरोह के विकास साहू, बबलू ठाकुर, सुमन कुमार सिंह, प्रेम प्रकाश पांडे, संजीत नियोगी और अभिमन्यु मिश्रा शामिल है।

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