Kanpur News: हेयर ट्रांसप्लांट से दो इंजीनियरों की मौत के मामले में फरार डॉ. अनुष्का तिवारी ने 18 दिन बाद सोमवार को कानपुर की ADJ कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने उनकी तलाश में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा के रोहतक और पानीपत में छापेमारी की थी, लेकिन वह पकड़ से बाहर थीं।
पुलिस दबाव के चलते अनुष्का ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में सरेंडर किया। उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर 2 जून को सुनवाई थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
विनीत दुबे की मौत से शुरू हुआ विवाद
पनकी पावर हाउस के इंजीनियर विनीत दुबे (37) की पत्नी जया ने सबसे पहले 8 मई को रावतपुर थाने में अनुष्का के खिलाफ FIR दर्ज की। आरोप है कि 13 मार्च 2025 को केशवपुरम के इंपायर क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद विनीत की हालत बिगड़ी।
चेहरे पर सूजन और गंभीर इंफेक्शन के कारण उन्हें सर्वोदय नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 15 मार्च को उनकी मौत हो गई। जया के अनुसार, अनुष्का ने उनकी पहचान छिपाकर किसी और नंबर से फोन किया और हालत बिगड़ने की जानकारी दी।
मयंक कटियार की भी हेयर ट्रांसप्लांट से मौत
फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार (32) की 18 नवंबर 2024 को अनुष्का के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद 19 नवंबर को मौत हो गई। उनके भाई कुशाग्र ने बताया कि प्रक्रिया के बाद मयंक के चेहरे पर सूजन आई और रात में दर्द शुरू हुआ।
अनुष्का ने इंजेक्शन और पट्टी ढीली करने की सलाह दी, लेकिन हालत बिगड़ती गई। मयंक के परिजनों ने भी पुलिस आयुक्त से कार्रवाई की मांग की, लेकिन अभी तक FIR दर्ज नहीं हुई।
अनुष्का का दावा, “मैंने नहीं किया ट्रांसप्लांट”
अनुष्का ने अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया कि दोनों हेयर ट्रांसप्लांट बर्रा के साईं चैरिटेबल हॉस्पिटल में डॉ. मनीष कुमार ने किए, और उन्होंने सिर्फ दवाएं दीं। हालांकि, पुलिस की कॉल डिटेल और लोकेशन जांच से पुष्टि हुई कि दोनों मृतक उनके क्लिनिक में थे और उनसे संपर्क में थे।
अनुष्का के पास केवल BDS डिग्री है, और वह बिना प्लास्टिक सर्जरी प्रशिक्षण या यूपी मेडिकल एसोसिएशन रजिस्ट्रेशन के हेयर ट्रांसप्लांट कर रही थीं।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल
विनीत की पत्नी जया ने पुलिस पर दो महीने तक FIR दर्ज करने में देरी का आरोप लगाया। मयंक के परिजनों की शिकायत भी लंबित है। अनुष्का के फरार होने और क्लिनिक से CCTV, DVR व दस्तावेज गायब होने से जांच में बाधा आई।
पुलिस अब क्लिनिक की तीन कर्मचारी युवतियों और दो अप्रशिक्षित कर्मचारियों की तलाश में है, जो प्रक्रिया में शामिल थे।
कम कीमत पर हेयर ट्रांसप्लांट का लालच
अनुष्का 40-50 हजार रुपये में हेयर ट्रांसप्लांट कर रही थीं, जबकि विशेषज्ञों के पास यह प्रक्रिया 1.5-2 लाख रुपये की होती है। सस्ती कीमत के कारण उनके क्लिनिक में भीड़ रहती थी। जांच में पता चला कि अनुष्का ने जरूरी मेडिकल टेस्ट और प्री-एनेस्थेटिक काउंसलिंग नहीं की, जिससे इंफेक्शन और मस्तिष्क में सूजन जैसी जटिलताएं हुईं।
विनीत दुबे, गोरखपुर के निवासी, HBTI कानपुर से PhD धारक थे और पनकी पावर हाउस में सहायक अभियंता थे। सोशल मीडिया विज्ञापनों और एक डॉक्टर की कॉल से प्रभावित होकर उन्होंने हेयर ट्रांसप्लांट कराया।
मयंक कटियार, PSIT भौती से BTech धारक, कानपुर में व्यवसाय शुरू करने की तैयारी में थे। दोनों अपने लुक को बेहतर बनाने के लिए प्रक्रिया कराने गए थे।