Latehar Police: झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) के सब-जोनल कमांडर बैजनाथ सिंह (32) ने बुधवार को लातेहार पुलिस अधीक्षक सभागार में आत्मसमर्पण कर झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता दिलाई। बैजनाथ ने पुलिस उप-महानिरीक्षक (पलामू परिक्षेत्र) नौशाद आलम, लातेहार एसपी कुमार गौरव, CRPF 11 बटालियन के समादेष्टा याद राम बुनकर और सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 32वीं वाहिनी के कमांडेंट राजेश सिंह के समक्ष सरेंडर किया।
आत्मसमर्पण की वजह?
लातेहार जिले के सैलदाग गांव निवासी बैजनाथ सिंह, पिता अंतु सिंह, कई वर्षों से JJMP की उग्रवादी गतिविधियों में सक्रिय था। उस पर लातेहार, पलामू और गढ़वा जिले में सात से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें लेवी वसूली, हत्या और आगजनी शामिल हैं।
झारखंड सरकार की ‘नयी दिशा’ आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, पुलिस की बढ़ती दबिश और परिवार के दबाव ने उसे मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।
JJMP की कमजोर पड़ती पकड़
लातेहार SP कुमार गौरव ने बताया कि बैजनाथ का आत्मसमर्पण पुलिस, CRPF और SSB के संयुक्त अभियान, भरोसेमंद संवाद और जनसहयोग का परिणाम है।
पलामू डीआईजी ਨौशाद आलम ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जीत करार देते हुए कहा कि JJMP की कमजोर पड़ती पकड़ और सरकार की पुनर्वास नीति उग्रवादियों को हथियार छोड़ने के लिए मजबूर कर रही है।
पुनर्वास नीति का लाभ
‘नयी दिशा’ नीति के तहत बैजनाथ को पुनर्वास का लाभ मिलेगा, जिसमें आर्थिक सहायता, रोजगार प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्जनन शामिल है। नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को 1 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि और हथियार जमा करने पर अतिरिक्त लाभ दिए जाते हैं।