Heavy shelling along LoC: पाकिस्तानी सेना ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास पुंछ, राजौरी, बारामुला, और कुपवाड़ा जिलों के अग्रिम गांवों पर भारी तोपखाने और मोर्टार से गोलाबारी की, जिसमें चार बच्चों सहित 12 नागरिकों की मौत हो गई और 57 लोग घायल हुए।
यह हमला भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 6-7 मई की रात पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले के जवाब में था।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसमें कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियां नष्ट हुईं और सैनिक हताहत हुए। सीमावर्ती इलाकों में दहशत के कारण लोग भूमिगत बंकरों या सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
पुंछ में सबसे अधिक नुकसान, गोलाबारी से दहशत
पाकिस्तानी गोलाबारी से सबसे ज्यादा नुकसान पुंछ जिले में हुआ, जहां 12 नागरिक मारे गए और 42 घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
मारे गए लोगों में बलविंदर कौर उर्फ रूबी (33), मोहम्मद जैन खान (10), जोया खान (12), मोहम्मद अकरम (40), अमरीक सिंह (55), मोहम्मद इकबाल (45), रंजीत सिंह (48), शकीला बी (40), अमरजीत सिंह (47), मरियम खातून (7), विहान भार्गव (13), और मोहम्मद रफी (40) शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पुंछ के बालाकोट, मेंढर, मनकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केरनी, और पुंछ जिला मुख्यालय में गोलाबारी से दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हुए।
पुंछ बस स्टैंड पर भी हमले से कई वाहन नष्ट हो गए। भारी गोलाबारी के कारण घायलों को अस्पताल पहुंचाने में स्थानीय लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
अन्य जिलों में नुकसान और आगजनी
बारामुला जिले के उरी सेक्टर में सीमा पार से गोलाबारी में पांच नाबालिग बच्चों सहित 10 लोग घायल हुए, जबकि राजौरी जिले में तीन अन्य घायल हुए।
कुपवाड़ा के करनाह सेक्टर में गोलाबारी से कई घरों में आग लग गई। गोलाबारी सुबह से दोपहर तक तेज रही और बाद में रुक-रुक कर जारी रही, जो मुख्य रूप से पुंछ तक सीमित थी।
सीमावर्ती गांवों के निवासियों को भूमिगत बंकरों में शरण लेनी पड़ी या सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
एक स्थानीय निवासी, बदरुद्दीन ने कहा, “पाकिस्तान ने रात 2:30 बजे भारी गोलाबारी शुरू की। हमारे चार घर जल गए। मैं और मेरा बेटा घायल हैं। हम शांति चाहते हैं।”


