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लोकसभा अध्यक्ष ने पूर्व संसद का नाम रखा संविधान सदन, PM मोदी ने किया था आग्रह

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नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष (speaker) ओम बिरला ने नई संसद से पहले कार्यदिवस पर पूर्व संसद का नाम संविधान सदन रखे जाने की घोषणा की। इससे पहले PM ने पुरानी संसद के केन्द्रीय कक्ष में लोकसभा अध्यक्ष और राज्य सभा (Rajya Sabha) के सभापति से ऐसा करने का आग्रह किया था।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा….

संसद के इतिहास में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा और नई इमारत में संसद के दोनों सदनों की पहली कार्यवाही संचालित की गई। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा  कि अब इसी नई इमारत को भारत की संसद के तौर पर जाना जाएगा। पिछली इमारत को अब संविधान सदन (Constituent Assembly) के तौर पर जाना जाएगा।

आज सुबह संसद के भीतरी प्रांगण में एक फोटो सेशन (photo session) आयोजित किया गया। इसके बाद केन्द्रीय कक्ष (Currently the Central Hall of the Constituent Assembly) में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी मंच पर मौजूद रहे। इन्होंने अपना संबोधन दिया। इसके अलावा वरिष्ठतम सदस्य के तौर पर BJP नेत्री मेनका गांधी का भी उद्बोधन हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि….

कार्यक्रम के बाद सभी सांसद नए भवन की ओर बढ़े। यहां पहले लोकसभा की कार्यवाही हुई। इसमें लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद PM का उद्बोधन रहा। PM ने पक्ष-विपक्ष को आचरण के आधार पर आंकते हुए कहा कि आने वाले समय में हमारा बर्ताव ही बतायेगा की कौन कहां बैठेगा। उन्होंने कहा कि भले ही हमारा विचार और विमर्श अलग हो लेकिन हमारे संकल्प एक हैं। इसी एकजुटता को नई संसद में हमें बढ़ाना चाहिए। हमें परंपराओं की लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी चाहिए।

इसके बाद  ने PM महिला नेतृत्व (female lead) विकास का उल्लेख करते हुए अपनी सरकार के दौरान इस दिशा में हुए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन इतिहास में दर्ज होने जा रहा है। आज महिला आरक्षण विधेयक पेश होने जा रहा है। महिला आरक्षण (women’s reservation) को लेकर उन्होंने सभी पार्टियों से इसे सर्वसम्मति से पारित करने का अनुरोध किया।

इसके बाद लोकसभा में women’s reservation से जुड़ा नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया। विधेयक पेश किए जाने के बाद कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान सदन में दर्शक दीर्घा में बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।

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