झारखंड

रांची व जमशेदपुर लोस सीट पर ‘INDIA’ गठबंधन के प्रत्याशी अब तक तय नहीं, कार्यकर्ताओं में…

झारखंड की रांची और जमशेदपुर लोकसभा सीटों पर 'INDIA' गठबंधन प्रत्याशी तय नहीं कर पा रहा है। इन दोनों क्षेत्रों में गठबंधन के नेता-कार्यकर्ता असमंजस में हैं।

Loksabha Election 2024: झारखंड की रांची और जमशेदपुर लोकसभा सीटों पर ‘INDIA’ गठबंधन प्रत्याशी तय नहीं कर पा रहा है। इन दोनों क्षेत्रों में गठबंधन के नेता-कार्यकर्ता असमंजस में हैं।

चुनाव में बमुश्किल 35 दिन बाकी हैं। लेकिन, अभी तक इनकी ओर से न प्रचार अभियान शुरू हुआ है और न ही जनसंपर्क।

दूसरी तरफ BJP ने करीब 50 दिन पहले अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए थे, जिन्होंने प्रचार अभियान में संसदीय क्षेत्र के ज्यादातर इलाके नाप दिए हैं।

गठबंधन के घटक दलों के बीच Seat Sharing का जो फार्मूला तैयार हुआ है, उसके मुताबिक रांची सीट पर कांग्रेस और जमशेदपुर सीट पर झामुमो को प्रत्याशी देना है।

रांची सीट पर कांग्रेस की प्रदेश कमेटी ने पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय का नाम केंद्रीय कमेटी के पास भेजा था। इस बीच करीब पंद्रह दिन पहले इस सीट पर भाजपा की ओर से पांच बार सांसद रहे रामटहल चौधरी कांग्रेस में शामिल हो गए तो माना गया कि पार्टी उन्हें प्रत्याशी बनाएगी।

बताया जा रहा है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उम्र के तकाजे के आधार पर इन दोनों के नाम खारिज कर दिए हैं। सुबोधकांत की उम्र 72 वर्ष है, जबकि रामटहल चौधरी 82 वर्ष के हैं।

ऐसे में नेतृत्व के समक्ष प्रदेश कमेटी की ओर से तीसरा नाम राज्य के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) का प्रस्तावित किया गया। लेकिन, उनके नाम पर भी सहमति को लेकर इस वजह से अड़चन आ रही है कि वे जमशेदपुर के रहने वाले हैं। ऐसे में पार्टी इस उधेड़बुन में उलझ गई है कि उनकी रांची में कितनी स्वीकार्यता होगी?

इस बीच सुबोधकांत सहाय की पुत्री यशस्विनी सहाय का नाम भी उम्मीदवारी के लिए आगे बढ़ाया गया है। हालांकि, यशस्विनी अब तक राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।

संभव है कि अंततः यशस्विनी को मैदान में उतार दिया जाए, क्योंकि धनबाद में भी कांग्रेस ने विधायक जयमंगल सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जो राजनीति में बिल्कुल नई हैं।

जमशेदपुर सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अब तक उलझन में फंसा है। पिछले चुनाव में इस सीट पर चंपई सोरेन झामुमो के प्रत्याशी थे, जो अब राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

यहां पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya), आस्तिक महतो और विधायक सविता महतो की पुत्री स्नेहा महतो के नाम की चर्चा चल रही है।

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