National Mathematics Seminar Concludes at JCERT: झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) में 11 और 12 दिसंबर को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय गणित सेमिनार शुक्रवार को सफलतापूर्वक समाप्त हो गया।
दो दिनों तक गणित पर चला विचार-विमर्श का सिलसिला
इस सेमिनार में देश के अलग–अलग राज्यों से आए शिक्षाविदों, शोधार्थियों और शिक्षकों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने गणित शिक्षा से जुड़े नए शोध, केस स्टडी और Video Documentary के माध्यम से अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। सेमिनार का माहौल पूरी तरह शैक्षणिक और प्रेरक रहा, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों को नई सीख मिली।
शोध और अनुभवों के जरिए समझाया गणित का नया रूप
दूसरे दिन भी प्रतिभागियों ने गणित के शिक्षण, समझ और नवाचार पर कई रोचक प्रस्तुतियाँ दीं।
इन प्रस्तुतियों पर विशेषज्ञों ने विस्तृत प्रतिक्रिया दी और बताया कि गणित की पढ़ाई को और बेहतर बनाने के लिए किस तरह नए प्रयोग किए जा सकते हैं। इससे प्रतिभागियों को अपने शोध को और मजबूत करने का अवसर मिला।
विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. अमित कुमार (सहायक प्राध्यापक) और डॉ. ऋषिकेश महतो (सह प्राध्यापक) ने गणित शिक्षण से जुड़ी आज की चुनौतियों पर विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा कि समय के साथ शिक्षा के तरीकों में बदलाव और नवाचार जरूरी है, ताकि गणित को सीखना छात्रों के लिए आसान, रोचक और उपयोगी बनाया जा सके।
नया समय, नई पद्धतियाँ – यही भविष्य की जरूरत
JCERT के उपनिदेशक विन्ध्याचल पांडेय ने समापन भाषण देते हुए सभी प्रतिभागियों के प्रयासों और प्रस्तुत शोध कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन शिक्षकों और शोधार्थियों को एक साझा मंच देते हैं, जहाँ वे अपने विचार खुलकर रख सकते हैं। इससे गणित शिक्षा के भविष्य को नई दिशा मिलती है।
JCERT के उपनिदेशक ने बढ़ाया प्रतिभागियों का उत्साह
अंत में सेमिनार समन्वयक मिथिलेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों, विशेषज्ञों, अतिथियों और आयोजन टीम के सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग और सक्रियता से यह सेमिनार सफल हो पाया।




