भारत

अखिलेश किसानों के झूठे हमदर्द : सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा और किसानों का झूठा हमदर्द बताया है।

उन्होंने यह भी कहा है कि इस महामारी के दौर में सपा मुखिया किसानों का हितैषी बनते हुए ओछी राजनीति कर रहे हैं।

यह वही लोग हैं जिन्होंने अपने शासनकाल में गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य का पूरा भुगतान नहीं किया था।

इसके बाद भी अब सपा नेता प्रदेश सरकार पर अनाप शनाप आरोप लगा रहे हैं। सूबे की जनता और किसान अब सपा नेताओं के झांसे में आने वाली नहीं है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा गेहूं खरीद में भारी अनिमितताओं की सूचनाएं मिलने और किसान क्रय केन्द्रों पर किसानों के गेहूं के लिए धक्के खाने संबंधी बयान पर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह कहा है।

सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि, प्रदेश सरकार द्वारा इस महामारी के समय में कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज को लेकर किए जा रहे प्रयासों और खुद मुख्यमंत्री द्वारा लगातार जिले जिले में जा कर कोरोना संक्रमित लोगों से मिलना सपा नेता को शायद भा नहीं रहा है।

इसी लिए वह लगातार झूठे और जनता को भ्रमित करने वाले आरोप प्रदेश सरकार पर लगा रहें हैं।

जिसके चलते पहले तो अखिलेश ने वैक्सीन को भाजपा का बताया और इसके बारे में दुष्प्रचार किया।

फिर उन्होंने वैक्सिनेशन के लिए नीति की बात की। इसके बाद उन्होंने वैक्सीन मुफ्त लगाने की बात कही।

क्या अखिलेश को मालूम नहीं है कि 45 वर्ष से ऊपर का वैक्सीनेशन केंद्र सरकार की तरफ से मुफ्त है और 18 से 44 आयुवर्ग के लिए योगी सरकार मुफ्त लगाने की घोषणा कर चुकी है।

उक्त घोषणा के तहत अब यूपी में लोगों को वैक्सीन लग रही है।

सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि वैक्सीन को लेकर जब सपा नेता का ऐसा दोहरा चरित्र सबके सामने आ गया तो अखिलेश किसानों का हितैषी बनते हुए यह कह रहे हैं कि गेहूं की सरकारी खरीद में घोर लापरवाही है और क्रय केन्द्र बंद होने की आम शिकायतें हैं।

जबकि हकीकत यह है कि सूबे में 5617 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद किसानों से हो रही है और 4,48,789 किसानों से 2283643.67 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है।

किसानों को 3090.07 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है, शेष भुगतान भी किसानों को जल्द कर दिया जाएगा।

इसलिए सपा नेता को तथ्यों की पड़ताल करके ही बयान जारी करना चाहिए।

उन्हें गेहूं उत्पादक किसानों का हितैषी बन कर भ्रमित नहीं करना चाहिए।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker