Kapil Sibal appeals to PM Modi:राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने 25 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील की, ताकि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर चर्चा हो सके।
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिब्बल ने कहा कि यह हमला भारत की संप्रभुता पर आघात है, और पूरा देश सरकार के साथ एकजुट है। उन्होंने जोर दिया कि संसद में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि भारत आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
सिब्बल ने कहा, “आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता। मासूम पर्यटकों पर गोली चलाना अमानवीय है। पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए अपने मुद्दों को दुनिया के सामने लाने की कोशिश कर रहा है।
” उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, रूस, और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में भेजना चाहिए, ताकि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाया जा सके।
साथ ही, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने और भारत के बाजार का उपयोग कर पाकिस्तान के साथ व्यापार करने वाले देशों को चेतावनी देने की बात कही।
पहलगाम के बैसारन मेडो में हुए इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोग मारे गए, और कई घायल हुए। यह 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-आधारित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। सिब्बल ने 23 अप्रैल को इसे “राज्य प्रायोजित” बताते हुए पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में मुकदमा चलाने की मांग की थी।
सिब्बल ने सरकार की हालिया कार्रवाइयों, जैसे सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी चेकपोस्ट बंद करना, को अपर्याप्त बताया।
उन्होंने कहा, “ये तात्कालिक कदम हैं, लेकिन हमें दीर्घकालिक समाधान चाहिए।” पाकिस्तानी PM की “युद्ध की कार्रवाई” वाली टिप्पणी पर टिप्पणी से बचते हुए उन्होंने रणनीतिक दृष्टिकोण पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने PM मोदी की 24 अप्रैल की सर्वदलीय बैठक में अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई, यह कहते हुए कि उनकी मौजूदगी से कड़ा संदेश जाता, भले ही वे बिहार से भी बोल सकते थे।