Ration shops will be known as ‘Jan Poshan Kendra‘: गुजरात समेत देश के चार राज्यों में अब ‘जन पोषण केन्द्र’ (Jan Poshan Kendra) के नाम से पहचानी जाएंगी राशन की दुकानें|
दरअसल उचित मूल्य की दुकानों को जन पोषण केन्द्र में परिवर्तित करने के Pilot Project की आज से शुरुआत हुई है| अहमदाबाद के साबरमती क्षेत्र में जन पोषण कार्यक्रम गुजरात के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री भीखूसिंह परमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी वर्चुअली शामिल हुए|
देश के 4 राज्यों में 60 उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को जन पोषण केंद्रों में बदल दिया गया है। जिसमें 50 फीसदी से पौष्टिक चीजें शामिल की गई हैं| जिससे व्यापारियों की आय बढ़ेगी और लोग सीधे पौष्टिक चीजें खरीद सकेंगे।
साथ ही लोगों के बीच पौष्टिक चीजों को लेकर जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है| देशभर में 3.5 लाख उचित मूल्य की दुकानें स्थित हैं। जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त राशन वितरित किया जाता है।
अहमदाबाद (Ahmedabad) के साबरमती में आयोजित जन पोषण कार्यक्रम में गुजरात के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री भीखूसिंह परमार ने कहा कि यह जन पोषण केंद्र देश के प्रत्येक नागरिक की चिंता के साथ शुरू किया गया है|
नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका 100 दिन का कार्यक्रम जन पोषण केंद्र का लक्ष्य था, जो आज साकार हो गया है और इसकी शुरुआत आज दिल्ली से केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने की है| इस परियोजना के तहत आज अहमदाबाद शहर में सरकार द्वारा अनुमोदित कुल 15 उचित मूल्य की दुकानों को सार्वजनिक पोषण केंद्र में बदल दिया गया है। आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से राज्य के विभिन्न शहरों और जिलों में जन पोषण केंद्र शुरू करने का लक्ष्य है|
जन पोषण केंद्र योजना (Public Nutrition Center Scheme) भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा उचित मूल्य की दुकानों को जन पोषण केंद्र (JPK) में परिवर्तित करने की एक पहल है।
इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत उचित मूल्य दुकानदारों के भौतिक बुनियादी ढांचे, वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने और उचित मूल्य की दुकानों से लाभार्थियों को पोषक तत्व प्रदान करने का प्रयास किया जाता है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि इन उचित मूल्य की दुकानों से गेहूं और चावल के अलावा अन्य पौष्टिक वस्तुएं जैसे विभिन्न दालें, दूध, मसाले, खाद्य तेल आदि वितरित किए जा सकें।