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ब्लैक फंगस से आंख की रोशनी जाने पर उसमें फिर रोशनी आने की नहीं होती गुंजाइश

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रोहतक: ब्‍लैक फंगस पर रोहतक पीजीआइ ने बड़ा खुलासा किया है। ब्लैक फंगस से जिस भी व्यक्ति की आंख की रोशनी चली जाती है, उसमें दोबारा रोशनी आने की कोई गुंजाइश नहीं रहती और आंख निकाले जाने के बाद अन्य आंख का प्रत्यारोपण भी संभव नहीं है।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में ब्‍लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक एक हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गए हैं।

डाक्‍टरों का कहना है कि ब्‍लैक फंगस के कारण आंख की नसें पूरी तरह से खराब हो जाती है, जिसके कारण पूरी आंख को ही निकालना पड़ता है। अगर शुरुआत में भी लक्षण पता चल जाएं तो आंख को बचाया जा सकता है।

पीजीआइएमएस रोहतक में ब्लैक फंगस के कारण चार मरीजों की आंखें निकाली जा चुकी हैं, जिनको केवल आर्टिफिशियल आंख ही लगाई जा सकती है, लेकिन रोशनी कभी नहीं लौट पाती है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा। मार्कंडेय आहूजा ने बताया हरियाणा में ब्लैक व सफेद फंगस के करीब 750 केस अभी तक सामने आए हैं। इनमें से 60 की रिकवरी हो गई है, जबकि 600 का इलाज चल रहा है।

कई ऐसे मरीज हैं, जिनकी आंखों की रोशनी चली गई, लेकिन उनकी जिंदगी बचाने में चिकित्सक कामयाब हो गए हैं।

उनका कहना है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद मरीज आंख दर्द, सिर दर्द सहित अन्य समस्या को नजरअंदाज करता है। यह लापरवाही भारी पड़ती है।

कोरोना से ठीक होने के बाद फंगल इंफेक्शन पहले साइनस में होता है। दो चार दिन बाद आंखों तक पहुंच जाता है। इसके बाद ब्रेन में पहुंचता है।

साइनस और आंख के बीच हड्डी होती है, आंख से ब्रेन के बीच हड्डी नहीं होने से यह तेजी से ब्रेन में पहुंचता है। डा। मार्कंडेय ने बताया ब्लैक फंगस के कारण पूरी आंख को निकालना पड़ता है, ताकि ब्रेन में फंगस न पहुंच सके।

ब्लैक फंगस के एडवांस स्टेज में शल्यक्रिया के बाद आंख न होने से लोग तनाव में आ जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए आर्बिटल प्रोस्थेसिसज या आकुलोफेसियल प्रोस्थेसिसज लगाने का विकल्प है।

इससे मरीज की आंखों की रोशनी तो नहीं लौटेगी, लेकिन दूसरे लोग यह नहीं जान पाएंगे उनकी आंखें नहीं हैं।

कोरोना से ठीक हुए ऐसे मरीज जो कैंसर, मधुमेह, से पीडि़त हैं या कैंसर की दवा का सेवन करते हैं, ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस होने की आशंका अधिक रहती है।

ब्लैक फंगस की वजह से सिर दर्द, नाक में जकड़, आंख, नाक, चेहरे में दर्द, आंखों से धुंधला दिखना और कभी-कभी अचानक रोशनी समाप्त हो जाने जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं।

आधे चेहरे का सुन्न होना, दांत हिलना, नाक से लाल व काला पानी निकलना भी ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं।

ऐसा होने पर तुरंत विशेषज्ञ नेत्र रोग चिकित्सक और नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर जांच कराने में विलंब नहीं करना चाहिए।

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