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अगले CUET में ‘अपना परीक्षा केंद्र’ बनाने के सुझाव पर विचार कर रही राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी

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नई दिल्ली: साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) के आयोजन को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) अपना केंद्र स्थापित करने के सुझाव पर विचार कर रही है।

NTA के महानिदेशक विनीत जोशी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘अगले वर्ष CUET के आयोजन को लेकर परीक्षा केंद्र के संबंध में कई तरह के सुझाव आ रहे हैं। एक सुझाव यह है कि चुनिंदा संस्थानों पर परीक्षा केंद्र बनाये जाएं, दूसरा यह है कि एनटीए अलग से अपने परीक्षा केंद्र स्थापित करे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान परीक्षा (CUET) की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन सुझावों पर विचार किया जाएगा। अंतत: हमारा मकसद यह है कि परीक्षा सुरक्षित होनी चाहिए और इसकी निष्पक्षता बनी रहे। इसे ध्यान में रखकर ही विचार किया जायेगा कि क्या बेहतर होगा। ‘मिश्रित मॉडल’ अपनाये जाने पर भी विचार किया जाएगा।’’

जोशी ने कहा कि अभी अंतिम रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता, इस पर आने वाले समय में फैसला होगा

ज्ञात हो कि देश भर के विश्वविद्यालयों (University) में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए पहली बार आयोजित की गई CUET-UG परीक्षा 30 अगस्त को संपन्न हो गई है।

इस परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर सामने आईं तकनीकी खामियों, केंद्र बदले जाने, अंतिम समय में Exam टालने को लेकर कई तरह के सवाल भी उठे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी चला।

इस परीक्षा के लिए करीब 15 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था और प्रथम संस्करण में करीब 60 % उपस्थिति दर्ज की गयी थी ।

CUET, NEET- JEE परीक्षा का विलय करने के यूजीसी अध्यक्ष के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर एनटीए के महानिदेशक ने कहा, ‘‘इसे नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के परिप्रेक्ष्य में व्यापक दृष्टिकोण के साथ देखा जाना चाहिए।’’

‘एक ही परीक्षा कराये जाने के बारे में सभी हितधारकों को एकमत होना चाहिए

उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा की संख्या कम हो, यह आबादी का एक बड़ा हिस्सा और शिक्षाविदों का एक बड़ा वर्ग चाहता है, ऐसे में आने वाले सुझावों और आपत्तियों पर सभी हितधारकों से विचार विमर्श किया जाना चाहिए ।

जोशी ने कहा, ‘‘एक ही परीक्षा कराये जाने के बारे में सभी हितधारकों को एकमत होना चाहिए, क्योंकि इस विषय से अलग-अलग विभाग जुड़े हैं। ऐसे में सभी का पक्ष आना जरूरी है। सिद्धांतत: यह विचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है।’’

सीयूईटी परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित कराने के सुझाव के बारे में पूछे जाने पर NTA के महानिदेशक ने कहा, ‘‘सीयूईटी का आयोजन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) करवाता है। जहां तक दो बार परीक्षा आयोजित करने का प्रश्न है, तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कहा गया है कि सामान्यतया प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन साल में कम से कम दो बार किया जाए।’’

उन्होंने कहा कि यह नीतिगत निर्णय से जुड़ा विषय है और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी कोई नीतिगत फैसला नहीं करती है, बल्कि यह दूसरे की ओर से परीक्षा का आयोजन कराती है।

जोशी ने कहा, ‘‘हालांकि, (साल में दो बार परीक्षा के संबंध मे) ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है तो एजेंसी इस पर अमल करने में सक्षम है।’’

CUET परीक्षा में 61 विषय होने से जुड़ी समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर NTA के महानिदेशक ने कहा कि यह भी नीतिगत निर्णय से जुड़ा विषय है, हालांकि परीक्षा में विषयों की संख्या अधिक होने पर किसी बच्चे को ऐसा नहीं लगेगा कि जो विषय उसने पढ़ा था, उसकी परीक्षा नहीं हुई।

यह पूछे जाने पर कि CUET परीक्षा के प्रथम संस्करण के आयोजन से एजेंसी ने क्या सबक लिया, इस पर जोशी ने कहा कि परीक्षा लेने की मौजूदा प्रणाली को और सुदृढ़ बनाया जायेगा तथा बच्चों के साथ संवाद बढ़ाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि अगर तकनीकी खामी आती है तब समय पर बेहतर संवाद होने पर कई विषय तत्काल सुलझाये जा सकते हैं ।

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