New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के एक लॉ स्टूडेंट अनु उर्फ अनिकेत को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत लगभग एक साल से भोपाल सेंट्रल जेल में बंद रखने को “पूरी तरह अनुचित” करार देते हुए शुक्रवार को उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया। जस्टिस उज्जल भुयान और जस्टिस विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने कहा कि हिरासत के कारण NSA की धारा 3(2) की शर्तों को पूरा नहीं करते।
अनु उर्फ अनिकेत को जुलाई 2024 में बैतूल पुलिस ने एक यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रोफेसर से विवाद के बाद हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया था। जेल में रहते हुए उनके खिलाफ NSA के तहत निरोधात्मक हिरासत का आदेश 11 जुलाई 2024 को जारी किया गया, जिसे हर तीन महीने में बढ़ाया गया। आखिरी बार यह हिरासत 12 जुलाई 2025 तक बढ़ाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश सरकार ने दावा किया कि अनिकेत के खिलाफ नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि, उनके वकील ने बताया कि पांच मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया, एक में केवल जुर्माना लगा, और दो मामले लंबित हैं, जिनमें उन्हें जमानत मिल चुकी है। इस मामले में भी अनिकेत को 28 जनवरी 2025 को जमानत मिल गई थी, लेकिन NSA के कारण वे जेल में रहे।
कोर्ट ने माना कि हिरासत का आधार केवल “लॉ एंड ऑर्डर” से जुड़ा था, न कि “पब्लिक ऑर्डर” से, जो NSA के तहत हिरासत के लिए जरूरी है। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि अनिकेत का प्रतिनिधित्व जिला कलेक्टर ने बिना राज्य सरकार को भेजे खारिज कर दिया, जो प्रक्रिया का उल्लंघन है। साथ ही, पहले से जमानत पर होने के बावजूद NSA लगाने का कोई ठोस कारण नहीं दिया गया।
खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, हम निर्देश देते हैं कि अपीलकर्ता, जो वर्तमान में भोपाल सेंट्रल जेल में बंद है, उसे तत्काल रिहा किया जाए, बशर्ते उसे किसी अन्य आपराधिक मामले में जरूरत न हो।” कोर्ट ने कहा कि विस्तृत फैसला बाद में जारी किया जाएगा।
इस फैसले ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के 25 फरवरी 2025 के उस आदेश को पलट दिया, जिसमें अनिकेत के पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करते हुए उन्हें आदतन अपराधी करार दिया गया था।