झारखंड

झारखंड की मातृभाषा पर किसी सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई: बंधु तिर्की

रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री और मांडर से विधायक बंधु तिर्की ने राज्य सरकार से जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के लिए एकेडमी का गठन करने की मांग की है।

अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर मोरहाबादी स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बंधु तिर्की ने बताया कि आज मातृभाषा दिवस है, लेकिन जो झारखंड में यहां के स्थानीय लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है।

वह आज सरकारी अफसरों के कारण उपेक्षा का दंश झेल रहा है। झारखंड में 32 प्रकार की जनजातियों का निवास है। इसमें पांच जनजाति और चार क्षेत्रीय भाषाएं शामिल है। इन भाषाओं को विकसित करने की जरूरत है।

इसकी पढ़ाई के लिए शिक्षकों की बहाली की जरूरत है। लेकिन राज्य गठन के बाद झारखंड की मातृभाषा पर किसी सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

तिर्की ने कहा कि प्राइमरी स्तर से लेकर पीजी स्तर पर मातृभाषा की पढ़ाई होनी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि सभी जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के लिए राज्य सरकार एकेडमिक का गठन करे, तभी हम अपनी झारखंडी सभ्यता, संस्कृति, भाषा को बचा सकेंगे। बंधु तिर्की ने नई शिक्षा नीति का भी जिक्र करते हुए कहा कि स्थानीय भाषा के शिक्षा पर जोर दिया गया है, ताकि हम अपने बच्चे को अपनी सभ्यता संस्कृति के साथ जोड़ कर रख सकेंगे।

उन्होंने कहा कि 26 फरवरी से चलने वाले विधानसभा सत्र के दौरान भी झारखंडी मातृभाषा को लेकर आवाज उठाएंगे।

झारखंड में एकेडमिक गठन करने की मांग करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्राइमरी से लेकर पीजी तक मातृभाषा के जो शिक्षक हैं उनकी बहाली कराई जाए। जहां कुछ कमियां हैं उसे पूर्ण की जाए।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker