Jharkhand News: स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस चलाने वाले सभी प्राचार्यों और स्कूल प्रबंधकों पर बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि एक भी बच्चा बोर्ड परीक्षा में फेल नहीं होना चाहिए, इसी लक्ष्य के साथ सभी स्कूलों को काम करना होगा।
उन्होंने निर्देश दिया कि सिलेबस समय पर पूरा कर लिया जाए। अगर किसी कक्षा में पर्याप्त शिक्षक होने के बावजूद बच्चों का प्रदर्शन नहीं सुधर रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी टीचर के साथ स्कूल के HM पर भी तय की जाएगी।
कम अंक वाले बच्चों को तुरंत रेमिडियल क्लास दें, नहीं तो कार्रवाई
सचिव ने कहा कि समिटिव असेसमेंट-1 (SA-1) में जिन छात्रों का स्कोर 45% से कम आया है, उन्हें तुरंत रेमिडियल क्लास दी जाए। अगर किसी स्कूल ने ये क्लास नहीं दी, और इसकी शिकायत मिली, तो उस स्कूल पर विभागीय कार्रवाई होगी। उन्होंने SA-1 के रिजल्ट, सिलेबस कवरेज, प्री टेस्ट-1 और डिजिटल रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा भी की।
SA-2 परीक्षा फरवरी में होगी, 100% रिजल्ट का टारगेट
सचिव ने कहा कि समिटिव असेसमेंट-2 (SA-2) की परीक्षा फरवरी में कराई जाए। उन्होंने सभी स्कूलों को SA-2 में 100% रिजल्ट लाने का लक्ष्य दिया।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर SA-2 का रिजल्ट संतोषजनक नहीं रहा, तो स्कूल प्रबंधकों पर कार्रवाई की जाएगी।
पहली बार बनेगा डिजिटल रिपोर्ट कार्ड 17 नवंबर तक तैयार करने का आदेश
सचिव ने 17 नवंबर तक डिजिटल रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि पहली बार बच्चे अपना रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन कभी भी, कहीं भी देख सकेंगे। हर तीन महीने में डिजिटल रिपोर्ट कार्ड अपडेट किए जाएंगे।
टीचर को भी मिलेगी रेटिंग, अच्छे प्रदर्शन पर मौका
उन्होंने कहा कि जो शिक्षक टीचर नीड असेसमेंट में 70% से ज्यादा अंक लाएंगे या CCPD प्रोग्राम में अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में प्रतिनियुक्ति का मौका दिया जाएगा।




