भारत

अब प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा निर्वाचन आयोग

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है।

इस बार चुनाव आयोग की तरफ से राजनीतिक दलों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। निर्वाचन आयोग अब सिर्फ चुनावी खर्च ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी गहरी नज़र रखेगा।

चुनाव आयोग उम्मीदवारों के प्रचार, खर्च के साथ-साथ सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने वाले हैशटैग पर भी नज़र रखेगा।

सोशल मीडिया पर नज़र रखने के लिए जिला स्तर पर विशेष पैनल बनाया जा सकता है, जिससे हर रोज स्थानीय स्तर पर होने वाले ट्रेंड पर नज़र रहेगी।

दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस निगहदारी की सिफारिश चुनाव खर्च से संबंधित पैनल ने की है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने पैनल की सिफारिशें स्वीकार भी कर ली हैं।

इस पर अमल संभवत: इन्हीं विधानसभा चुनाव से ही हो जाए।

निर्वाचन आयोग को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि कुछ हैशटैग की पहचान कर आयोग उस पर निगाह रखेगा।

हैशटैग ट्रेंडिंग पर निगाह रखते हुए उन हैशटैग वाले ट्वीट्स, यूट्यूब वीडियो, व्हाट्सएप, फेसबुक, कू, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम सहित अन्य सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए विज्ञापन करने वाले उम्मीदवार/पार्टी पर ये सेल निगरानी रखेगा।

पैनल जांच पड़ताल कर उसके खर्च को उम्मीदवार या पार्टी के खर्च के हिसाब में भी जोड़ सकता है।

आयोग में आदर्श आचार संहिता के प्रभारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भी रिपोर्ट में ये सिफारिश की गई है कि जिला निर्वाचन अधिकारी जरूरत पड़ने पर विशेष अनुमति लेकर विशेषज्ञ सॉफ्ट वेयर डेवलपमेंट एजेंसी या संस्थान की सेवा भी ले सकते हैं।

इसी मदद से एक डैशबोर्ड या अन्य विकल्प तैयार कर स्वतंत्र, निष्पक्ष और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर देते हुए कुशलतापूर्वक सोशल मीडिया पर पैनी निगाह रखी जा सके।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया के जमाने में उम्मीदवार और राजनीतिक दल अलग-अलग तरीके से मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।

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