Operation Sindoor: अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर रविवार सुबह हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया।
यह कार्रवाई भाजपा युवा मोर्चा के नेता योगेश जठेरी की शिकायत पर की गई, जिसमें प्रोफेसर पर महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान और राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने का आरोप लगाया गया।
क्या है मामला
हरियाणा पुलिस ने दो FIR दर्ज कीं। पहली FIR योगेश जठेरी की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196, 197, 152 और 299 के तहत दर्ज हुई, जिसमें राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है।
दूसरी FIR हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर BNS की धारा 353, 79, 152 और 169(1) के तहत दर्ज की गई, जिसमें महिला अधिकारियों के अपमान का आरोप शामिल है।
क्या हैं आरोप
प्रोफेसर महमूदाबाद ने 8 और 11 मई को फेसबुक पोस्ट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेस ब्रीफिंग देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की भूमिका को “दिखावटी” करार दिया। उन्होंने लिखा कि दक्षिणपंथी लोग कुरैशी की तारीफ करते हैं, लेकिन उन्हें भीड़ द्वारा मुसलमानों की हत्या और संपत्ति विध्वंस के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए।
हरियाणा महिला आयोग ने इसे महिला अधिकारियों का अपमान और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला माना।
महिला आयोग का नोटिस
12 मई को आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए महमूदाबाद को नोटिस भेजा और 14 मई को पेश होने को कहा। आयोग ने आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणियां “महिला सैन्य अधिकारियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली” और “राष्ट्रीय सैन्य कार्रवाइयों को बदनाम करने वाली” थीं।
महमूदाबाद ने नोटिस का जवाब देते हुए X पर कहा कि आयोग ने उनके पोस्ट का गलत अर्थ निकाला और उनका मकसद युद्ध की विभीषिका पर ध्यान देना था।
महमूदाबाद के घर से हिरासत में लिया गया
रविवार सुबह 6:30 बजे हरियाणा पुलिस की 10-15 सदस्यीय टीम ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में महमूदाबाद के घर से उन्हें हिरासत में लिया। उनकी पत्नी नौ महीने की गर्भवती हैं। परिवार का दावा है कि बिना ट्रांजिट रिमांड के उन्हें सोनीपत ले जाया गया। सुप्रीम कोर्ट के वकील निजाम पाशा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की और कहा कि FIR की कॉपी अभी तक नहीं मिली है।
मेरे पोस्ट को गलत समझा गया
यूनिवर्सिटी ने कहा, “हमें पता चला है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को आज सुबह पुलिस हिरासत में लिया गया है। हम मामले की जानकारी जुटा रहे हैं और जांच में पुलिस व स्थानीय अधिकारियों का पूरा सहयोग करेंगे।”
महमूदाबाद ने दावा किया कि उनकी टिप्पणियां शांति और सद्भाव की वकालत करती थीं। उन्होंने X पर लिखा, “मैंने युद्धोन्माद के खिलाफ लिखा था। मेरे पोस्ट को गलत समझा गया।” उनके वकील ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है और गिरफ्तारी “राजनीति से प्रेरित” है।


