Jharkhand Liquor Scam : झारखंड शराब घोटाले की जांच में बुधवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया। उत्पाद विभाग के तत्कालीन आयुक्त और वर्तमान में रामगढ़ के उपायुक्त (DC) के पद पर कार्यरत IAS अधिकारी फैज अक अहमद का बयान धारा 164 (अब 183 BNSS) के तहत दर्ज किया गया।
ACB कोर्ट की अनुमति के बाद मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई और उनके समक्ष फैज अक अहमद का बयान Record किया गया। बयान दर्ज होने के बाद उसे सीलबंद कर दिया गया है।
बयान में शराब घोटाले से जुड़े अहम तथ्य
सूत्रों के अनुसार, फैज अक अहमद ने अपने बयान में शराब घोटाले से जुड़े कई अहम और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने पूरे मामले में तत्कालीन व्यवस्था और फैसलों को लेकर विस्तार से अपनी बात कोर्ट के सामने रखी है।
तत्कालीन उत्पाद सचिव पर लगाए गंभीर आरोप
बताया जा रहा है कि फैज अक अहमद ने अपने बयान में IAS अधिकारी और तत्कालीन उत्पाद विभाग के सचिव विनय चौबे की भूमिका को लेकर गंभीर बातें कही हैं।
उन्होंने कथित तौर पर शराब नीति और उससे जुड़े निर्णयों की अंदरूनी प्रक्रिया को कोर्ट के सामने उजागर किया है, जिसे जांच के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जांच में आ सकता है नया मोड़
फैज अक अहमद के बयान को शराब घोटाले (Liquor Scam) की जांच में अहम कड़ी माना जा रहा है।
अब जांच एजेंसियां सीलबंद बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई और अन्य अधिकारियों की भूमिका की पड़ताल कर सकती हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।




