Ranchi News: साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी सुनील यादव की याचिका पर सोमवार को रांची की विशेष PMLA कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 8 जुलाई 2025 को होगी।
सुनील यादव ने PMLA कोर्ट में याचिका दायर कर ED द्वारा उनके घर से जब्त किए गए सामानों को वापस करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि ED ने उनके घर से बिस्तर, बैटरी, पंखा, कूलर, अलमारी सहित रोजमर्रा की जरूरी चीजें जब्त की थीं, जो उनके परिवार के दैनिक उपयोग की हैं। यह कुर्की तब की गई थी, जब सुनील यादव ED की गिरफ्त से फरार थे।
पत्थर खनन से 1250 करोड़ रुपये से अधिक की आय
सुनील यादव और उनके भाई दाहू यादव इस मामले में मुख्य आरोपी पंकज मिश्रा के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। ED ने मई 2023 में साहिबगंज के शोभनपुर भट्टा इलाके में उनके घर से फर्नीचर, कूलर और अन्य घरेलू सामान जब्त किए थे, जो वर्तमान में साहिबगंज के मुफस्सिल पुलिस स्टेशन में रखे हैं। सुनील यादव को साहिबगंज पुलिस ने 27 जून 2025 को गिरफ्तार किया था और उन्हें रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेजा गया था। फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत पर बाहर हैं।
ED की जांच के अनुसार, साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन से 1250 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई, जिसमें सुनील यादव और उनके भाई की अहम भूमिका थी। एजेंसी ने 2022 में इस मामले में पंकज मिश्रा, दाहू यादव और अन्य सहयोगियों के 37 बैंक खातों से 11.88 करोड़ रुपये जब्त किए थे। जांच में यह भी सामने आया कि अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ और वन क्षेत्रों का क्षरण हुआ।
PMLA कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुनील यादव के वकील ने तर्क दिया कि जब्त सामान उनकी निजी संपत्ति है और इसका अवैध खनन से कोई संबंध नहीं है। दूसरी ओर, ED ने कोर्ट से समय मांगा ताकि जब्ती की वैधता और सामान के स्रोत की जांच की जा सके। कोर्ट ने ED को 8 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।