रीढ़ की हड्डी के इस जन्मजात दोष पर विशेषज्ञ डॉक्टर करेंगे विमर्श, 3 मार्च को…

News Aroma Desk

Ranchi RIMS: RIMS शिशु शल्य विभाग और स्पाइना बिफिडा फाउंडेशन (Spina Bifida Foundation) की ओर से तीन मार्च को सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) के तहत जन्म दोषों के अवलोकन पर कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम में स्पाइना बिफिडा पर केंद्रित चर्चा होगी।

स्पाइना बिफिडा रीढ़ की हड्डी का एक जन्मजात दोष है। यह एक प्रकार का न्यूरल ट्यूब दोष है। यह ट्यूब भ्रूण की एक संरचना होती है जो शिशु के मस्तिष्क और मेरुदंड के रूप विकसित होती है। यदि न्यूरल ट्यूब पूरी तरह से बंद न हो तो स्पाइना बिफिडा रीढ़ की हड्डी में कहीं भी हो सकता है और आमतौर पर बच्चे के जन्म के समय उसकी पीठ में छेद के रूप में देखा जाता है।

भारत में जन्म लेने वाले प्रत्येक 1000 बच्चों में से चार को Spina Bifida होता है। इस सामान्य जन्म दोष के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस CME का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शिशु रोग, प्रसूति, शिशु शल्य, भ्रूण औषधि और हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित Physiotherapist अपनी राय प्रस्तुत करेंगे।

इसके पूर्व दो मार्च को रिम्स शिशु शल्य विभाग के OPD Complex में स्पाइना बिफिडा से ग्रसित मरीजों के लिए रोगी आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन होना है। इसमें लीलावती अस्पताल, मुंबई के चिकित्सक और स्पाइना बिफिडा विशेषज्ञ डॉ संतोष करमाकर द्वारा ऐसे बच्चों का नि:शुल्क मूल्यांकन किया जाएगा और उनके आगे के प्रबंधन और पुनर्वास के संबंध में परामर्श दिया जाएगा।

इसमें वैसे बच्चे जिनकी रीढ़ की हड्डी अथवा सर पर मांस का गोला, घाव, सर का बड़ा होना, पानी भर जाने के साथ मल मूत्र कमजोरी, सीधा खड़े होने या चलने में समस्या इत्यादि बीमारी है उन्हें मुफ्त इलाज एवं परामर्श दिया जायेगा। साथ ही आवश्यकता के अनुसार Spina Bifida Foundation द्वारा इलाज के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।

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