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महाकुंभ मेले में रेट बढ़ाकर नाविक ने कमाए 30 करोड़, अब आयकर विभाग का नोटिस

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Maha Kumbh Mela: प्रयागराज के अरैल गांव के नाविक पिंटू महरा (Sailor Pintu Mehra) महाकुंभ के बाद से सुर्खियों में हैं। इसकी वजह उनकी चौंकाने वाली कमाई है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने दावा किया है कि एक नाविक परिवार ने 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपए कमाए हैं। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और नाविक को आयकर विभाग का नोटिस जारी कर दिया गया।

आयकर विभाग ने मांगा 12.8 करोड़ रुपए टैक्स

नाविक पिंटू महरा को आयकर विभाग ने 12.8 करोड़ रुपए Tax भरने का नोटिस भेजा है। यह मामला वन-टाइम हाई इनकम और उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है।
पहले जहां नाविक प्रतिदिन 500 रुपए कमाते थे, वहीं महाकुंभ के दौरान उनकी कमाई अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 30 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

कैसे बढ़ी नाविक की कमाई?

सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने विधानसभा में बताया कि 130 नावों वाले परिवार ने कुल 30 करोड़ रुपए कमाए, यानी हर नाव से रोजाना 50,000-52,000 रुपए की कमाई हुई।
पहले जहां एक नाव से प्रतिदिन 1000-2000 रुपए की कमाई होती थी, वहीं महाकुंभ में यह राशि कई गुना बढ़ गई। नाविक ने अपने नाव का किराया 100 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रति सवारी कर दिया था, जिससे उसकी कुल कमाई 30 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

आयकर के नोटिस से बढ़ी नाविक की मुश्किलें

इस अप्रत्याशित कमाई के बाद आयकर विभाग ने नाविक पिंटू महरा को 12.8 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाने का आदेश दिया। एक ऐसा व्यक्ति, जो टैक्स स्लैब या रिटर्न दाखिल करने के बारे में कुछ नहीं जानता था, अब एक व्यवसायी की तरह भारी टैक्स बिल के साथ फंस गया।

वित्तीय विशेषज्ञों की राय

फाइनेंशियल प्लानर और सेबी रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट (SEBI Registered Research Analyst) के अनुसार, महाकुंभ मेले के दौरान अपनी पूरी जिंदगी नाव चलाकर प्रतिदिन 500 रुपए कमाने वाले इस नाविक की वित्तीय स्थिति में नाटकीय बदलाव आया है। हालांकि, अब वह एक साल के अंदर 12.8 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाने की चुनौती से जूझ रहे हैं।
इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ ने भी कहा कि नाविक का परिवार किसी भी अन्य व्यवसायी की तरह आयकर का भुगतान करेगा, क्योंकि अब खुद सीएम ने उनकी कमाई की चर्चा की है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में असंगठित क्षेत्र का कराधान इसकी अनौपचारिक संरचना और विविधता के कारण एक बड़ी चुनौती है।
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